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सिख विरोधी दंगे की जांच कर रही एसआइटी ने पांचवीं बार फिर मांगी कार्यकाल बढ़ाने की अनुमति

सिख विरोधी दंगे की जांच के लिए फरवरी 2019 में एसआइटी का गठन हुआ था। अबतक अधिकारी चार बार में छह माह का कार्यकाल बढ़वा चुके हैं और 11 मुकदमों में पीड़ित पक्ष के बयान लेकर जांच पूरी कर चुके हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 09 Nov 2021 07:52 AM (IST)Updated: Tue, 09 Nov 2021 07:52 AM (IST)
सिख विरोधी दंगे की जांच कर रही एसआइटी ने पांचवीं बार फिर मांगी कार्यकाल बढ़ाने की अनुमति
कानपुर में सिख विरोधी दंगे का केस।

कानपुर, जागरण संवाददाता। सिख विरोधी दंगों के दौरान दर्ज मुकदमों की जांच के लिए गठित एसआइटी (विशेष जांच दल) का कार्यकाल अब फिर छह माह बढ़वाने के लिए शासन को पत्र भेजा गया है। ढाई वर्ष में एसआइटी 11 मुकदमों की विवेचना पूरी करके दंगाइयों का पता लगा चुकी है, लेकिन अनुमति न मिलने से अब तक एक भी आरोपित गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।

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पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए दंगों के दौरान शहर में 127 सिखों की हत्या हुई थी। हत्या, लूट, डकैती जैसे गंभीर मामलों के 40 मुकदमे दर्ज हुए थे। मुकदमों की जांच के लिए फरवरी 2019 में प्रदेश सरकार ने एसआइटी का गठन किया था। 27 मई 2019 से एसआइटी के अधिकारियों ने कार्यभार संभाला था। इसके बाद दस्तावेजों के आधार पर जिन 29 मामलों में फाइनल रिपोर्ट लगी थी, उनमें से 20 मामलों की जांच शुरू की थी। इसके बाद अब तक चार बार एसआइटी का कार्यकाल छह माह के लिए बढ़ाया जा चुका है। इस दौरान टीम ने 11 मुकदमों में सुबूत व गवाह जुटाकर दंगाइयों का पता लगाया है।

एसआइटी के एसपी बालेंदु भूषण ने बताया कि इसी माह 27 नवंबर को फिर एसआइटी का कार्यकाल खत्म हो रहा है। जिन 11 मामलों में दंगाइयों का पता लगाया गया है, उनकी गिरफ्तारी होनी बाकी है। इसके लिए शासन से फिर छह माह के लिए एसआइटी का कार्यकाल बढ़ाने की अनुमति मांगी गई है। जल्द ही शासन की अनुमति मिलते ही दंगे के आरोपितों की गिरफ्तारी शुरू की जाएगी।


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