कानपुर में पीएफआइ के एक दर्जन सदस्य और चिह्नित, खातों में हुआ लाखों का लेनदेन
पीएफआइ के सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में हकीकत सामने आई है।
कानपुर, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुए उपद्रव में पीएफआइ का कनेक्शन सामने आने के बाद जेल भेजे गए शिक्षक समेत पांचों आरोपितों के मोबाइल नंबरों व बैंक खातों की जांच की जा रही है। इसके आधार पर करीब एक दर्जन लोगों के नाम और सामने आए हैं, जिनकी दिन में कई बार आरोपितों से बात हो रही थी। कुछ खातों में लाखों रुपये के लेनदेन का भी पता लगा है।
कानपुर हिंसा में पीएफआई ने की फंडिंग
पिछले माह 20 व 21 दिसंबर को सीएए के विरोध में बाबूपुरवा और यतीमखाना में उपद्रवियों ने जमकर बवाल, आगजनी, पथराव व फायरिंग की थी। बाबूपुरवा में तीन लोगों की जान चली गई थी और दोनों स्थानों पर करीब 50 लोग घायल हुए थे। शुक्रवार को पुलिस को जांच में पता लगा कि सीएए के विरोध को लेकर हुई ङ्क्षहसा और अब हो रहे धरना प्रदर्शन के पीछे पीएफआइ ने फंडिंग की है। स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) के सदस्यों ने केरल के चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) के सदस्यों मो उमर, सैयद अब्दुल हई, फैजान, मो. वासिफ, सरवर आलम को जेल भेजा था।
पांचों आरोपितों की गिरफ्तारी से पीएफआइ की शहर में सक्रियता की हकीकत सामने आ गई है। पुलिस ने जेल गए आरोपितों के मोबाइल नंबरों के आधार पर जांच को आगे शुरू की गई है। थाना प्रभारी राजीव सिंह ने बताया कि मोबाइल नंबरों से कुछ संदिग्धों के बारे में जानकारी मिली है। जांच की जा रही है।
डॉक्टर बम और आइएम से संबंधों की जांच
खुफिया एजेंसियां पीएफआइ सदस्यों के मुंबई सीरियल ब्लास्ट में शामिल इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी जलीस अंसारी उर्फ डॉक्टर बम से कनेक्शन की भी छानबीन कर रही है। पकड़े गए सदस्यों से एटीएस व आइबी ने भी पूछताछ की है। आशंका है कि जेल गए आरोपितों को डॉक्टर बम के कानपुर आने की जानकारी थी। पुलिस 16 व 17 दिसंबर की उनकी लोकेशन देख रही है। जलीस के फरार साथी कय्यूम से कनेक्शन देखा जा रहा है।
दो आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज
बाबूपुरवा उपद्रव में दो आरोपितों 21 वर्षीय आदिल व 20 वर्षीय मुस्तकीम के स्वजनों की ओर से न्यायालय में दाखिल की गई जमानत अर्जी खारिज हो गई है। आरोपितों की मां ने शपथपत्र देकर कहा था कि 19 दिसंबर को रिश्तेदार की बेटी की शादी थी। आदिल व मुस्तकीम वहीं थे। पुलिस ने आकर पकड़ लिया। पुलिस के सुबूतों के आगे कोर्ट ने उनकी यह दलील नहीं मानी और अर्जी खारिज कर दी।