आवाज के जादूगर शंकर महादेवन को बहुत पसंद है कानपुर की मक्खन-मलाई
कहा, सात साल पहले 15 बच्चों से शुरू हुई उनकी एकेडमी आज 76 देशों में बच्चों को घर बैठे ऑनलाइन संगीत सिखा रही है।
By AbhishekEdited By: Published: Fri, 21 Dec 2018 02:25 PM (IST)Updated: Fri, 21 Dec 2018 02:25 PM (IST)
कानपुर [जागरण स्पेशल]। कानपुर की मक्खन-मलाई के स्वाद की दीवानगी मायानगरी मुंबई तक पहुंच चुकी है। मशहूर गायक और संगीतकार शंकर महादेवन ने खुद इस बात का खुलासा किया। बोले कि यहां का 'फोम टाइप मक्खन बहुत अच्छा है। शुक्रवार को सुबह नाश्ते में मक्खन-मलाई जरूर खाऊंगा।
गुरुवार को एक कार्यक्रम में कानपुर आए शंकर महादेवन पत्रकारों से मुखातिब थे। बोले, कि कानपुर से मेरा रिश्ता बहुत अच्छा है। यहां आइआइटी में शो कर चुका हूं। मेरी ऑनलाइन म्यूजिक एकेडमी का कैरिकुलम यहां 'जागरण इंस्टीट्यूट में भी चल रहा है। सात साल पहले 15 बच्चों से शुरू हुई एकेडमी आज 76 देशों में बच्चों को घर बैठे ऑनलाइन संगीत सिखा रही है। बंटी और बबली फिल्म की शूटिंग कानपुर में हुई, जिसका म्यूजिक मैंने ही कंपोज किया। इसके अलावा उप्र में लगने जा रहे कुंभ के लिए 'चलो चलें कुंभ चलें... गाना भी कंपोज कर रहा हूं।
11 की उम्र में संगतकार, अब इतने बड़े स्टार
कम ही लोग जानते हैं कि शंकर महादेवन बचपन में वीणावादक थे। उन्होंने बताया कि मैं 11 साल का था, तब 'राम श्याम गुनगुना एलबम में मंैने सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर और भीमसेन जोशी के साथ बतौर संगतकार वीणा बजाई थी। एक सवाल के जवाब में बोले कि अच्छे गाने अब भी लिखे-गाये जा रहे हैं। कुछ लोग सोचते हैं कि आइटम सांग डाल दो तो फिल्म चल जाएगी। म्यूजिक कॉपी करते हैं। मैं फिल्म छोड़ देता हूं, लेकिन ऐसा काम नहीं करता।
रियलिटी शो से ही तो मिले अरिजीत
रियलिटी शो को उन्होंने प्रतिभाओं के लिए महत्वपूर्ण बताया। बोले कि दस साल पहले रियलिटी शो के पांचवें राउंड में अरिजीत बाहर हो गया था। हम टच में थे और आज वह इतना बड़ा सिंगर है।
गुरुवार को एक कार्यक्रम में कानपुर आए शंकर महादेवन पत्रकारों से मुखातिब थे। बोले, कि कानपुर से मेरा रिश्ता बहुत अच्छा है। यहां आइआइटी में शो कर चुका हूं। मेरी ऑनलाइन म्यूजिक एकेडमी का कैरिकुलम यहां 'जागरण इंस्टीट्यूट में भी चल रहा है। सात साल पहले 15 बच्चों से शुरू हुई एकेडमी आज 76 देशों में बच्चों को घर बैठे ऑनलाइन संगीत सिखा रही है। बंटी और बबली फिल्म की शूटिंग कानपुर में हुई, जिसका म्यूजिक मैंने ही कंपोज किया। इसके अलावा उप्र में लगने जा रहे कुंभ के लिए 'चलो चलें कुंभ चलें... गाना भी कंपोज कर रहा हूं।
11 की उम्र में संगतकार, अब इतने बड़े स्टार
कम ही लोग जानते हैं कि शंकर महादेवन बचपन में वीणावादक थे। उन्होंने बताया कि मैं 11 साल का था, तब 'राम श्याम गुनगुना एलबम में मंैने सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर और भीमसेन जोशी के साथ बतौर संगतकार वीणा बजाई थी। एक सवाल के जवाब में बोले कि अच्छे गाने अब भी लिखे-गाये जा रहे हैं। कुछ लोग सोचते हैं कि आइटम सांग डाल दो तो फिल्म चल जाएगी। म्यूजिक कॉपी करते हैं। मैं फिल्म छोड़ देता हूं, लेकिन ऐसा काम नहीं करता।
रियलिटी शो से ही तो मिले अरिजीत
रियलिटी शो को उन्होंने प्रतिभाओं के लिए महत्वपूर्ण बताया। बोले कि दस साल पहले रियलिटी शो के पांचवें राउंड में अरिजीत बाहर हो गया था। हम टच में थे और आज वह इतना बड़ा सिंगर है।
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