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तापमान में गिरावट व हवा में बदलाव से ला-नीना के संकेत, सितंबर भर बारिश और जल्द ठंड की आशंका

Weather Forecast अगस्त की वर्षा ने पिछले 44 साल का रिकॉर्ड तोड़ा है जबकि हवा में तीन दिन से ठंडक महसूस हो रही है। इससे ला-नीना के सक्रिय होने की पूरी संभावना है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 30 Aug 2020 07:48 PM (IST)Updated: Mon, 31 Aug 2020 12:41 AM (IST)
तापमान में गिरावट व हवा में बदलाव से ला-नीना के संकेत, सितंबर भर बारिश और जल्द ठंड की आशंका
तापमान में गिरावट व हवा में बदलाव से ला-नीना के संकेत, सितंबर भर बारिश और जल्द ठंड की आशंका

कानपुर, जेएनएन। देश भर में अगस्त में हुई अधिक वर्षा, हवा की दिशा में परिवर्तन और समुद्र की सतह का पानी ठंडा होना ला-नीना के असर की ओर इशारा कर रहे हैं। इसके प्रभाव से इस बार सर्दी जल्दी और काफी पड़ सकती है, जबकि बारिश के सितंबर भर जारी रहने के आसार हैं। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए ) के मौसम विशेषज्ञ इस पर नजर रखे हैं। 

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मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि देश में अगस्त की वर्षा ने पिछले 44 साल का रिकॉर्ड तोड़ा है, जबकि हवा में तीन दिन से ठंडक महसूस हो रही है। इससे ला-नीना के सक्रिय होने की पूरी संभावना है। इसका असर इंडोनेशियाई क्षेत्र, मैक्सिको की खाड़ी, दक्षिणी अमेरिका समेत कई द्वीप पर पड़ेगा। भारत के दक्षिण क्षेत्र में भी ठंड का अनुभव होगा। हालांकि अब तक भारतीय मौसम विभाग की ओर से कोई घोषणा या अलर्ट जारी नहीं किया गया है।

ला नीना समुद्री घटना, हवा की दिशा में बदलाव से होती : ला-नीना मानसून का रुख तय करने वाली समुद्री घटना है, जो कि सात से आठ साल में अल-नीनो के बाद होती है। अल-नीनो में जहां समुद्र की सतह का तापमान बहुत अधिक बढ़ जाता है, वहीं ला-नीना में समुद्र की सतह का तापमान कम होने लगता है। इसके पीछे बड़ी वजह हवा की दिशा में बदलाव होना है। इसमें समुद्री क्षेत्रों में हवा की रफ्तार 55 से 60 किमी रहती है। मैदानी क्षेत्रों में यह 20 से 25 किमी की गति से चलती है।

भूमध्य रेखा के पास से होता सक्रिय : मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि ला-नीना भूमध्य रेखा के आसपास प्रशांत महासागर के करीब सक्रिय होता है। इसका असर अन्य महाद्वीपों में नजर आता है। प्रशांत महासागर का सबसे गर्म हिस्सा भूमध्य सागर के नजदीक रहता है। पृथ्वी के घूर्णन के कारण वहां हवा पूर्व से पश्चिम की ओर चलती हैं, जबकि ला-नीना में यह परिर्वितत होती रहती हैं।


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