Move to Jagran APP

परेड रामलीला में आज चित्रकूट भ्रमण का दृश्य होगा आकर्षक, एलइडी स्क्रीन पर मंचन का प्रसारण

कानपुर में प्रमुख श्रीरामलीला सोसाइटी परेड द्वारा आकर्षक मंचन का सजीव प्रसारण एलइडी स्क्रीन पर किया जा रहा है । शनिवार की रात कैकेयी कोप भवन और श्रीराम वनवास गमन का भावपूर्ण लीला का मंचन किया गया ।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 10 Oct 2021 02:58 PM (IST)Updated: Sun, 10 Oct 2021 05:39 PM (IST)
परेड रामलीला में आज चित्रकूट भ्रमण का दृश्य होगा आकर्षक, एलइडी स्क्रीन पर मंचन का प्रसारण
कानपुर में प्रमुख परेड रामलीला में भावपूर्ण मंचन।

कानपुर, जेएनएन। श्री रामलीला सोसाइटी परेड की रामलीला में रविवार को भगवान श्रीराम सीता के साथ चित्रकूट भ्रमण की लीलाओं का मंचन किया जाएगा। कलाकार नाव नवइया, दशरथ मरण और भरत मनावन की लीलाएं की जाएगी। शनिवार की रात कैकेयी कोप भवन और श्रीराम वनवास की मार्मिक लीला का मंचन किया गया। मेस्टन रोड स्थित श्री रामलीला भवन में हुई लीला को परेड मैदान स्थित एलईडी स्क्रीन पर दिखाया गया।

loksabha election banner

रामलीला मंचन में शनिवार की रात प्रभु के वनवास गमन का दृश्य देखकर श्रद्धालु भावुक हो गए। रामलीला की शुरुआत भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक की घोषणा से हुई। राज दरबार में तैयारियां शुरू हुई । अयोध्यावासी प्रभु के राज्याभिषेक का समाचार सुनकर खुश थे। उधर, दासी मंथरा ने कैकेयी के समझाया कि वे महाराजा दशरथ से भरत के लिए राजगद्दी व राम के लिए वनवास का वर मांग लें। मंथरा की बातों पर क्रोधवश कैकेयी ने पहले तो मना किया, पर बाद में भरत का स्मरण करते हुए वे मंथरा के जाल में फंस गईं। लीला में दिखाया गया कि इसके बाद कैकेयी कोप भवन में चली गईं। समाचार सुनकर महाराजा दशरथ कोप भवन पहुंचे। उन्होंने महारानी को समझाने का प्रयास करते हैं।

राजा दशरथ ने रघुकुल रीति का मान रखने की बात कही। जब श्रीराम को पता चलता है कि माता कैकयी उनके लिए वन जाने का वरदान मांग रही हैं तो वे इस निर्णय को सहर्ष स्वीकार कर वन जाने की तैयारी में जुट गए।

सीता जी और लक्ष्मण भी प्रभु श्रीराम के संग वन जाने की जिद करने लगे। प्रभु के साथ भ्राता लक्ष्मण और सीता भी वन के लिए अयोध्या से निकले तो समस्त अयोध्यावासी रो पड़े। वहीं, श्री रामलीला कमेटी चंद्रिका देवी में शनिवार को राम राज्याभिषेक, वनवास और निषाद राज के यहां विश्राम की लीला का मंचन किया गया। भगवान राम के राज्याभिषेक की तैयारी के बीच मंथरा ने कैकेयी से राम को वनवास और भरत को राजगद्दी दिए जाने का जाल रचा। मंथरा के कहे अनुसार महाराज दशरथ से कैकेयी ने दो वर मांगे। जिसमें पहला भरत का राज्याभिषेक तथा दूसरे में राम को 14 वर्ष का वनवास मांगा। जिसे सुनकर महाराजा दशरथ के साथ अयोध्यावासी भी रो पड़े। भगवान राम समस्त माताओं से आज्ञा लेकर सीता और लक्ष्मण के साथ वन को निकल पड़े। भगवान राम के पीछे वन की ओर चल देती है। वन भम्रण के दौरान भगवान राम तमसा नदी के तट पर पहुंचे। वहां निषाद राज ने प्रभु को नदी पार कराया। इस अवसर पर अध्यक्ष सुनीत त्रिपाठी, प्रधानमंत्री जगदीश बाजपेई, सहायक मंत्री विजय त्रिवेदी, सुरेश गुप्ता व दिनेश शुक्ला उपस्थित रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.