शस्त्र लाइसेंस जारी कराने में थानेदार का कारनामा, मुकदमा होने पर भी लगा दी मुहर Kanpur News
सचेंडी के तत्कालीन थानेदार ने प्रधान के बेटे के आवेदन पर फर्जी रिपोर्ट लगाई पुलिस ने आरोपित को दबिश देकर पकड़ा तो खुला खेल।
कानपुर, जेएनएन। सचेंडी के पूर्व थानेदार ने मिलीभगत करके प्रधान के अपराधी बेटे सौभाग्य सिंह उर्फ विपिन का भी शस्त्र लाइसेंस जारी करा दिया। कलक्ट्रेट में शस्त्र लाइसेंस में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद असलहों की तलाश की गई तो सौभाग्य फरार हो गया था। सोमवार को पुलिस ने उसे पकड़ा तो हकीकत सामने आई। अब थाना प्रभारी ने पूरी रिपोर्ट अधिकारियों को भेजी है। पूर्व थानेदार पर कार्रवाई हो सकती है।
सौभाग्य की मां ग्र्राम प्रधान हैं। करीब साल भर तक सचेंडी में थाना प्रभारी रहे राघवेंद्र सिंह की सौभाग्य के पिता शत्रुघ्न सिंह से दोस्ती थी। सूत्रों के मुताबिक तत्कालीन थाना प्रभारी ने नियम कानून ताक पर रख दिए और सौभाग्य के शस्त्र लाइसेंस के आवेदन पर अपनी मुहर लगा दी। इसके लिए सौभाग्य के नाम के आगे उर्फ विपिन का उल्लेख नहीं किया। ऐसा इसलिए क्योंकि विपिन के खिलाफ कातिलाना हमला समेत कई धाराओं में मुकदमे हैं। सचेंडी के थाना प्रभारी शेषनारायण पांडेय ने बताया कि सौभाग्य से खरीदी गई रिवाल्वर, कारतूस और लाइसेंस जमा करा लिए गए हैं। आरोपित के खिलाफ पहले से मुकदमे हैं। फिर भी उस वक्त थाने से आपत्ति नहीं की गई।
नौबस्ता में एसएसआइ हैं राघवेंद्र सिंह
राघवेंद्र सिंह को 16 जुलाई को एसएसपी ने लाइन हाजिर किया था। बाद में नौबस्ता में एसएसआइ बना दिया गया। अब लाइसेंस आवेदन में फर्जी रिपोर्ट का मामला सामने आने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है। पुलिस के मुताबिक सचेंडी में सौरभ गुप्ता का भी लाइसेंस बन गया था लेकिन, असलहा नहीं खरीदा।
77 लोगों को भेजे गए नोटिस
शस्त्र लाइसेंस फर्जीवाड़े में जिलाधिकारी कोर्ट से सोमवार को सभी 77 लोगों को नोटिस भेजे गए हैं। उन्हें पांच सितंबर से अपने जवाब दाखिल करने के आदेश जारी हुए हैं। ये वही लोग हैं, जिनकी फाइलें नहीं बनीं और फर्जीवाड़ा करने वालों ने सीधे बुकलेट जारी कर दीं। ऐसे लोगों के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं। अब निरस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है।