क्या बेटे अंकुर के लिए जसवंतनगर सीट छोड़ सकते हैं शिवपाल, सियासी गलियारों में चर्चाओं ने पकड़ा जोर
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने सपा की टिकट पर जसवंतनगर विधानसभा सीट से जीत दर्ज की थी। सपा में विलय के बाद अब जसवंतनगर सीट से उनके बेटे अंकुर के चुनाव लड़ने की चर्चाओं ने जोर पकड़ा है।
इटावा, जागरण संवाददाता। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के राष्ट्रीय शिवपाल सिंह यादव अपनी परंपरागत सीट जसवंत नगर को इस बार अपने पुत्र पीसीएफ चेयरमैन आदित्य उर्फ अंकुर यादव के लिए छोड़ सकते हैं। वह खुद गुन्नौर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। हालांकि अभी इसकी घोषणा नहीं की गई है लेकिन वहां उनकी सक्रियता से यही अंदाजा लगाया जा रहा है, हालांकि इसकी हकीकत द्वितीय चरण के नामांकन प्रक्रिया के दौरान सामने आएगी।
जसवंतनगर सीट समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने 1996 में अपने अनुज शिवपाल सिंह यादव के लिए छोड़ी थी। उस समय शिवपाल ने नेताजी के कट्टर प्रतिद्वंद्वी कहे जाने वाले स्वर्गीय दर्शन सिंह यादव को करीब 11 हजार मतों से हराकर जीत हासिल की थी। इसके बाद से वे लगातार इस सीट पर काबिज हैं, वर्ष 2012 में मनीष यादव पतरे को करीब 81 हजार मतों से हराकर रिकार्ड कायम किया था। इसी चुनाव के दौरान उनके बेटे पीसीएफ चेयरमैन आदित्य भी इस क्षेत्र में सक्रिय हो गए थे। वर्ष 2017 के चुनाव में पारिवारिक झंझावत में शिवपाल को कड़ा मुकाबला करना पड़ा। इस चुनाव में अंकुर यादव ने युवा शक्ति के बल पर उन्हें करीब 75 हजार मतों से जीत दिलाई थी। दूसरी ओर शिवपाल बीते 33 साल से लगातार जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष पद पर आसीन रहे।
भाजपा सरकार ने एक व्यक्ति दो बार का नियम लागू किया तो उन्होंने बीते 28 सितंबर को अपने पुत्र आदित्य उर्फ अंकुर यादव को इस बैंक का निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित करा दिया। इसके साथ सामाजिक न्याय रथयात्रा में अंकुर ने सक्रिय भूमिका निभाई। बीती 5-6 जनवरी को ताखा और बसरेहर ब्लाक पर कार्यक्रमों में उनकी सक्रियता से लग रहा है कि वह जसवंतनगर से आदित्य को चुनाव मैदान में उतारना चाहते हैं। प्रसपा प्रमुख महासचिव कृष्णमुरारी गुप्ता ने बताया कि अभी अधिकृत रूप से ऐसा नहीं कहा जा सकता है लेकिन हमारी जसवंतनगर और गुन्नौर में तैयारी पूरी है। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, प्रमुख महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव तथा प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव की एक साथ वार्ता कराकर विजय-2022 की रणनीति तैयार की है। उसके तहत जो निर्णय होंगे, उसी के अनुरूप चुनाव लड़ा जाएगा।