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शाहजहांपुर-रोहिणी कोर्ट में गैंगवार की घटना से पुलिस नहीं ले रही सबक, कानपुर कोर्ट में फिर उठा सुरक्षा का मुद्दा

24 सितंबर को रोहिणी कोर्ट में हुए गैंगवार के बाद कानपुर के न्यायालय की सुरक्षा व्यवस्था का खाका खींचा गया था। समन्वय समिति में भी सुरक्षा को लेकर कई निर्णय हुई थे लेकिन यह जमीन पर नहीं उतरे।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Wed, 20 Oct 2021 12:48 PM (IST)Updated: Wed, 20 Oct 2021 12:48 PM (IST)
शाहजहांपुर-रोहिणी कोर्ट में गैंगवार की घटना से पुलिस नहीं ले रही सबक, कानपुर कोर्ट में फिर उठा सुरक्षा का मुद्दा
कोर्ट में सुरक्षा को लेकर लगाए गए मेटल डिक्टेटर किनारे होने की वजह से बिना सुरक्षा जांच के आते-जाते लोग।

कानपुर, जेएनएन। शाहजहांपुर के दीवानी न्यायालय परिसर में वकील की गोली मारकर हुई हत्या के बाद एक बार फिर सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं, लेकिन चौंकाने वाली बात है कि न्यायालय परिसर में वकीलों पर मंडराते इस खतरे को दावत भी वे स्वयं दे रहे हैैं। शासन-प्रशासन ने कई बार न्यायालय परिसरों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था का ढांचा तैयार किया, लेकिन इसे लेकर वकीलों के ही ऐतराज ने सिस्टम को बाइपास कर दिया। शाहजहांपुर की घटना के बाद 'दैनिक जागरणÓ ने न्यायालय परिसर में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया तो कहीं भी सुरक्षा को लेकर गंभीरता देखने को नहीं मिली।

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पिछले महीने 24 सितंबर को रोहिणी कोर्ट में हुए गैंगवार के बाद कानपुर के न्यायालय की सुरक्षा व्यवस्था का खाका खींचा गया था। समन्वय समिति में भी सुरक्षा को लेकर कई निर्णय हुई थे, लेकिन यह जमीन पर नहीं उतरे। मंगलवार को जागरण ने जब सुरक्षा निर्देशों का पालन न होने के बारे में पुलिस कर्मियों से पूछा तो उनका कहना था कि यहां जरा-जरा सी बात पर विवाद हो जाता है। किसी के मुवक्किल को रोककर पूछताछ की गई तो वकील आकर विरोध और हंगामा करेंगे। यही कारण है कि प्रवेश द्वारों की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था महज दिखावा बन गई है। उनका कहना था कि न्यायालय परिसर में कोई भी बिना रोक टोक आसानी से आ-जा सकता है।

दृश्य-1 : न्यायालय परिसर में हनुमान मंदिर की ओर प्रवेश करने पर मेटल डिटेक्टर किनारे रखा मिला। बताया गया कि यह काफी समय से खराब है। बेरोक टोक आने-जाने वालों से कोई पूछताछ करने वाला नहीं था। प्रवेश द्वार पर तैनात पुलिस कर्मियों का कहना था कि वकीलों से विवाद करना हो तो जांच पड़ताल करें।

दृश्य-2 : शताब्दी गेट की ओर से न्यायालय परिसर में प्रवेश करने पर दो मेटल डिटेक्टर लगे हैं, लेकिन इनके अगल बगल से आने जाने का रास्ता भी है। यहां मेटल डिटेक्टर से न होकर प्रवेश करने वालों को भी किसी ने नहीं टोका। जांच न करने के सवाल पर यहां तैनात सिपाहियों का जवाब भी पहले वाले पुलिस कर्मियों की तरह था।

यह हुए थे निर्णय: तय हुआ था कि वादकारियों की जांच की जाएगी। मेटल डिटेक्टर दुरुस्त कराए जाएंगे। किसी पर संदेह होने पर सुरक्षाकर्मी पुलिस और पदाधिकारियों को तत्काल सूचना देंगे। अधिवक्ता और मुंशी प्रवेश के लिए अपने परिचय पत्र का प्रयोग करेंगे। कोर्ट में असलहा लेकर आने वालों के हथियार जमा कराए जाएंगे। इसके लिए परिसर में एक अलमारी रखी जाएगी। दैनिक जागरण को पड़ताल में किसी भी ङ्क्षबदु पर अमल होते नहीं मिला।

इनकी भी सुनिए: 

  • पहले रोहिणी कोर्ट अब शाहजहांपुर की घटना। कारण कुछ भी हों, न्यायालय परिसर में ऐसी वारदात अंजाम दी जा रही हैं। इससे साफ जाहिर है कि अपराधिक तत्वों में भय समाप्त हो रहा है। - सतेंद्र कुमार द्विवेदी, पूर्व अध्यक्ष, बार एसोसिएशन
  • कोर्ट परिसर में होने वाली कोई भी घटना चिंताजनक है। ऐसी घटनाओं पर रोक के लिए सुरक्षा के स्थायी इंतजाम करने होंगे। सभी की सहभागिता से ही यह संभव हो सकेगा। -श्यामजी श्रीवास्तव, पूर्व अध्यक्ष, बार एसोसिएशन

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