डीजीक्यूए के वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी की संदिग्ध हालात में मौत
उर्सला अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने तोड़ा दम।
जागरण संवाददाता, कानपुर : फीलखाना क्षेत्र के रामनरायन बाजार स्थित एक होटल में रह रहे गुणता आश्वासन महानिदेशालय (डीजीक्यूए) के वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी की शुक्रवार देर रात संदिग्ध परिस्थितियों में हालत बिगड़ गई। साथी कर्मचारी उन्हें उर्सला अस्पताल ले गए जहा इलाज के दौरान डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। कर्मचारियों ने घटना की सूचना विभागीय उच्चाधिकारियों को दी। इसके बाद पुलिस और मृतक के मेदनीपुर (पश्चिम बंगाल) निवासी स्वजन को फोन करके जानकारी दी गई। शनिवार को पुलिस ने पंचनामा भरवाकर शव मॉर्च्युरी में रखवाया। रविवार को स्वजन के आने पर पोस्टमार्टम होगा।
मूलरूप से पश्चिम बंगाल के मेदनीपुर जिला निवासी 53 वर्षीय भोलानाथ सिंह डीजीक्यूए के पेट्रोलियम पदार्थ विभाग में वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी थे और रामनारायन बाजार स्थित शीशमहल होटल में साथी कर्मचारियों के साथ रहते थे। साथ रहने वाले कनिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी अमिताभ साहा ने बताया कि शुक्रवार देर रात करीब दो बजे अचानक भोलानाथ की तबीयत बिगड़ गई। वह बिस्तर से उठकर हाफ रहे थे। उन्होंने आवाज दी तो बाकी दो वैज्ञानिक अधिकारियों सांवल कृष्ण दास व मलय राय की नींद खुली। इस बीच भोलानाथ बिस्तर पर निढाल होकर गिर पड़े। उनकी हालत बिगड़ते देख साथी कर्मचारियों ने तुरंत होटल के मैनेजर अमल चटर्जी को जानकारी दी और भोलानाथ को लेकर उर्सला अस्पताल पहुंचे। इसके बाद उच्चाधिकारियों को जानकारी दी गई। तड़के सहकर्मी वैज्ञानिक सुशील शुक्ला भी साथियों के साथ पहुंचे। इलाज के दौरान डॉक्टरों ने भोलानाथ को मृत घोषित कर दिया। सुबह उच्चाधिकारियों ने घटना की सूचना भोलानाथ सिंह की पत्नी आभा और पुलिस को फोन से दी। दोपहर पुलिस मौके पर पहुंची और जाच शुरू की। फीलखाना थाना प्रभारी सतीशचंद्र साहू ने बताया कि पश्चिम बंगाल से वैज्ञानिक अधिकारी के स्वजन के आने के बाद रविवार को पोस्टमार्टम होगा तभी मौत का सही कारण पता लगेगा। फिलहाल डॉक्टरों ने हार्टअटैक की आशका जताई है।
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पिछले वर्ष हुई थी टीबी की बीमारी
भोलानाथ सिंह के साले देवेंद्र सिंह ने फोन पर बताया कि पिछले वर्ष फरवरी में भोलानाथ को टीबी की बीमारी हो गई थी। तब मेदनीपुर मेडिकल कॉलेज में उनका इलाज भी चला था। करीब ढाई माह तक वह छुट्टी पर रहे थे। इसके बाद ही ड्यूटी ज्वाइन की थी। दिसंबर में भी वह 15 दिन की छुट्टी लेकर आए थे और 14 दिसंबर को ही कानपुर लौटे थे। शुक्रवार रात करीब 10 बजे उनकी अपनी पत्नी, दोनों बेटियों अनिका, अमिता और बेटे काíतक से फोन पर बात हुई थी। तब तक उनकी तबीयत ठीक लग रही थी।