युवाओं के लिए प्रशस्त हुआ स्वरोजगार का मार्ग, अब तक 200 युवाओं को मिला उद्योग लगाने का मौका
जिला उद्योग अधिकारी एसपी यादव ने बताया कि ओडीओपी योजना में अब सबसे बड़ी राहत यह है कि इसके तहत नए उद्यमी बैंकों को 25 से 30 फीसद मार्जन मनी नहीं दे पाते थे उन्हें काफी रियायत भी दी गई है।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना के चलते आर्थिक मंदी से जूझ रहे उद्योगों को गति व दिशा देने के लिए नए उद्योग लगाए जाने के नियमों में बदलाव करते हुए उन्हें सरल कर दिया गया है। अब कोई भी उद्यमी कभी भी उद्योग लगाने के लिए आवेदन कर सकता है। इसके अलावा उन्हें उद्योग लगाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र भी जल्द मिल जाएगा।
उद्यमियों के लिए स्वरोजगार की राह आसान करने के लिए उद्योग निदेशालय उनके आवेदनों को लेकर हफ्ते भर के अंदर जवाब दे रहा है। इससे शहर के कई उद्यमियों को लाभ मिल चुका है। वहीं जिला उद्योग केंद्र ने जनवरी से लेकर अब तक 200 से अधिक उद्यमियों को ऋण दिलाने के साथ औद्योगिक इकाइयां लगाने के लिए जमीन न मिलने की मुश्किल भी हल की हैै। कोरोनाकाल में उद्यमियों को तगड़ा झटका लगने के कारण उद्योग विभाग न केवल उनके उद्योग स्थापित करने में तेजी दिखा रहा है बल्कि पहली बार कम पूंजी में काम शुरू करने वालोें को टूल किट भी दी है। इसके अलावा कोरोनाकाल में नए उद्योग लगाने में सबसे बड़ा लाभ उन उद्यमियों को मिल रहा है जो एक जिला एक उत्पाद के तहत आवेदन कर रहे हैं। इसका कारण यह है पहले एक जिला एक उत्पाद में केवल चर्म उत्पाद आया करता था। अब होजरी व टेक्सटाइल यह भी इसी के अंतर्गत आने लगा है। इससे उन उद्यमियों को अपना उद्योग बढ़ाने का मौका मिल रहा है जिनका उद्योग पहले छोटा हुआ करता था। जिला उद्योग अधिकारी एसपी यादव ने बताया कि ओडीओपी योजना में अब सबसे बड़ी राहत यह है कि इसके तहत नए उद्यमी बैंकों को 25 से 30 फीसद मार्जन मनी नहीं दे पाते थे उन्हें काफी रियायत भी दी गई है। ऐसे में उद्योग लगाने की ख्वाहिश रखने वाले सामान्य वर्ग के उद्यमियों को 10 फीसद रकम ही देनी पड़ती है। इसके अलावा आरक्षित वर्ग के उद्यमियों को पांच फीसद रकम ही अब अपनी जेब से लगानी पड़ रही है।