सप्लायर की तलाश में लखनऊ से मांगा ब्योरा
कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों के इलाज में काम आने वाले रेमडेसिविर की कालाबाजारी का मामला।
जागरण संवाददाता, कानपुर : कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों के इलाज में काम आने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों को पकड़कर 265 इंजेक्शन बरामद करने वाली यूपी एसटीएफ और बाबूपुरवा पुलिस वाराणसी के ड्रग माफिया की तलाश में जुटी थी। इसी दौरान लखनऊ के ठाकुरगंज पुलिस ने एरा मेडिकल कालेज के पास छापेमारी करके दो डॉक्टरों समेत चार आरोपितों को इंजेक्शन की कालाबाजारी में पकड़ा। आरोपितों के शहर के एक सप्लायर के संपर्क में होने की बात सामने आयी थी। इसकी जानकारी होने पर शहर पुलिस ने लखनऊ ठाकुरगंज पुलिस से संपर्क करके आरोपितों के मोबाइल नंबर समेत अन्य ब्योरा मांगा है।
मिलिट्री इंटेलीजेंस के इनपुट पर यूपी एसटीएफ और बाबूपुरवा थाने की संयुक्त टीम ने बक्तौरीपुरवा नौबस्ता निवासी मोहन सोनी और पशुपति नगर निवासी साथी प्रशांत शुक्ल को पकड़ा था। आरोपितों की निशानदेही पर दस इंजेक्शन का सौदा करने वाले यमुना नगर हरियाणा निवासी सचिन कुमार को भी गिरफ्तार किया गया था। तीनों आरोपितों के पास से 265 इंजेक्शन बरामद हुए थे। छानबीन में सामने आया था कि पश्चिम बंगाल के ड्रग माफिया अपूर्वा मुखर्जी ने वाराणसी निवासी परिचित के माध्यम से इंजेक्शन की सप्लाई भेजी थी। बाबूपुरवा पुलिस वाराणसी के सप्लायर की तलाश कर रही थी। तीन दिन बाद ही लखनऊ के ठाकुरगंज पुलिस ने एरा मेडिकल कालेज के पास छापेमारी करके दो डॉक्टरों समेत चार आरोपितों को पकड़ा था। आरोपितों के पास से पुलिस ने 34 इंजेक्शन और 4.69 लाख की नकदी बरामद की थी। ठाकुरगंज पुलिस की छानबीन में आरोपितों के कानपुर के एक ड्रग माफिया से संबंध होने की बात सामने आयी थी। लखनऊ में रेमडेसिविर पकड़े जाने की जानकारी पर एसीपी गोविद नगर ने ठाकुरगंज पुलिस से संपर्क किया। हालांकि ठाकुरगंज पुलिस शहर के ड्रग माफिया के बारे में जानकारी नहीं दे पाए थे। एसीपी गोविद नगर विकास कुमार पांडेय ने बताया कि अभी लखनऊ पुलिस ने कोई इनपुट भेजा नहीं है।