पार्टियों के चुनावी मुद्दों में प्रमुखता से हों सुरक्षातंत्र, शिक्षा और स्वास्थ्य
जागरण विमर्श में बोलीं विशेषज्ञ लोकलुभावन मुद्दों से बचें चुनाव में जनप्रतिनिधि को चुनने के लिए दिया सुझाव।
कानपुर, जागरण संवाददाता। पूरे देश में इन दिनों लोकसभा चुनावों की चर्चा है। चाहे कोई मोड़ हो, स्कूल-कॉलेज, गली का चौराहा या फिर पार्क और मैदान। हर जगह जो लोग इकट्ठा दिखेंगे, उनके बीच चुनावी मुद्दों को लेकर अलग-अलग राय होती है। राजनीतिक दलों के घोषणापत्रों की बात करें तो अधिकतर लोगों के विचार फिर बदल जाते हैं। वे कहते हैं कि इनमें उन मुद्दों को शामिल नहीं किया गया, जो आम चुनाव के लिए होने चाहिए। न तो कहीं रोजगार की बात है और न सुरक्षातंत्र मजबूत करने की। हालांकि 'क्या होने चाहिए आम चुनाव के मुद्देÓ यह सवाल भी सभी के मन में कौंधता है। सोमवार को जागरण विमर्श में इस विषय पर बेबाकी से अपनी बात रखी डीजी पीजी गल्र्स कॉलेज में राजनीतिशास्त्र की विभागाध्यक्ष डॉ. पप्पी मिश्रा ने।
उन्होंने बताया कि मुद्दों को लेकर सबसे पहले बात सुरक्षातंत्र को मजबूत करने की होनी चाहिए। साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम किया जाना चाहिए। देश के लिए कोढ़ बन चुके आतंकवाद, प्रदूषण, महिला सशक्तीकरण, रोजगार आदि कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर गंभीरता से बात होना जरूरी है। उन्होंने कहा, हमें लोकलुभावन मुद्दों से बचना चाहिए। सुझाव देकर कहा कि चुनाव में जब हम किसी जनप्रतिनिधि को चुनें तो खुद के विवेक का प्रयोग जरूर करें। बताया कि देश में 19 अप्रैल 1952 को पहली लोकसभा का गठन हुआ था, इसलिए वर्षों बाद एक बार फिर हमारे सामने लोकसभा चुनाव है। इसमें हमें मुद्दों का ध्यान अवश्य रखना होगा।