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मेट्रीमोनियल साइट पर वर-वधू की खोज करते हैं तो जरूर पढ़ें ये खबर, कहीं बन न जाएं गिरोह के शिकार

कानपुर पुलिस ने महिला फार्मासिस्ट की शिकायत के बाद बरेली के युवक को गिरफ्तार करके अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश किया है । गिरोह में एक महिला समेत पांच सदस्य शामिल हैं जिनकी तलाश पुलिस कर रही है ।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 11 Jan 2022 02:11 PM (IST)Updated: Tue, 11 Jan 2022 02:11 PM (IST)
मेट्रीमोनियल साइट पर वर-वधू की खोज करते हैं तो जरूर पढ़ें ये खबर, कहीं बन न जाएं गिरोह के शिकार
कानपुर पुलिस ने अंतराराष्ट्रीय ठग को पकड़ा है।

कानपुर, जागरण संवाददाता। अगर आप भी मेट्रीमोनियल साइट पर वर-वधू की खोज में जुटे रहते हैं तो कानपुर क्राइम ब्रांच द्वारा गिरफ्तार शातिर ठग के बारे में जानकार हैरान रह जाएंगे। उसने मेट्रोमोनियल साइट पर लड़कियों से संपर्क बनाए और फिर उनसे लाखों रुपये की ठगी की। अब निश्चित एक सवाल जरूर उठता है कि आखिर ठग ने अपने जाल में फंसाया कैसे, जिसका राजफाश कानपुर पुलिस ने किया है। मेट्रोमोनियल साइट पर ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह के सदस्य की गिरफ्तारी के बाद जो माॅडसएंप्रेंडी सामने आई, उसे पढ़कर मोट्रोमोनियल साइट पर वर-वधू की खोज करने वाले ऐसी ठगी से बच सकते हैं।

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कानपुर की युवती की शिकायत पर गिरोह तक पहुंची पुलिस

कानपुर के नवाबगंज में रहने वाली महिला फार्मासिस्ट ने छह अक्टूबर को मेट्रीमोनियल साइट के जरिए 1.25 लाख की ठगी करने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी। प्रकरण की जांच क्राइम ब्रांच कर रही थी। क्राइम ब्रांच ने मेट्रीमोनियल साइट के जरिए लड़कियों से ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह के शातिर को गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया आरोपित ठिरिया मोहनपुर नकटिया बरेली का रहने वाला मोहम्मद साजिद है, जो कई युवतियों को शिकार बना चुका है और उसके दस खातों में 50 लाख रुपये के ट्रांजेक्शन सामने आया है। गिरोह में एक महिला भी शामिल है, जिसके साथ अन्य सदस्यों की तलाश शुरू की गई है।

वीपीएन ट्रेस करके पकड़ा आरोपित

कानपुर के डीसीपी अपराध सलमान ताज पाटिल ने बताया कि युवतियों को फंसाने के लिए मोहम्मद साजिद वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) का इस्तेमाल करके काल करता था। इससे देश में होने के बाद भी बात करने वाले को मोबाइल फोन पर विदेशी नंबर दिखता था। आरोपितों के वीपीएन का इस्तेमाल करने की जानकारी होने पर ट्रेस करना शुरू किया गया और साजिद हत्थे चढ़ गया।

गिरोह में नाइजीरियन भी हैं शामिल

डीसीपी अपराध ने बताया कि गिरोह में शामिल महिला कस्टम अधिकारी बनकर लोगों से बात करती थी। वहीं गिरोह के पास जो नंबर मिले हैं। उनका कई नाइजीरियन पहले इस्तेमाल कर रहे थे। जिससे साफ है कि गिरोह के संपर्क में नाइजीरियन भी शामिल हैं। पकड़े गए आरोपित के पास से 36 महिलाओं का डाटा मिलने से सामने आया है कि आरोपित 36 महिलाओं संग ठगी कर चुका है। इसमें यूपी के साथ कर्नाटक, महाराष्ट्र की भी महिलाएं शामिल हैं।

ऐसे बनाते थे शिकार

पकड़े गए साजिद ने बताया कि उसने कई मेट्रीमोनियल साइट पर अलग-अलग नाम से पेड आइडी बना रखी थी। पेड आइडी बनाने में सुविधाएं ज्यादा मिलती हैं। आकर्षक फोटो के साथ बड़ी कंपनियों के सीईओ समेत बड़ी प्रोफाइल बनाते थे। जिसे देखने के बाद युवतियां झांसे में आती थीं। बाद में वीजा कन्फर्म न होने, टिकट के नाम पर, विदेशी करेंसी को बदलने में टैक्स के नाम पर युवतियों से रुपये लेकर शिकार बनाते थे।

कुछ इस तरह थी मॉडसएप्रेंडी

कानपुर की पीडि़ता ने बताया था कि मेट्रीमोनियल साइट पर उनका संपर्क डा. प्रशांतमणि की आइडी से हुआ। डा. प्रशांत ने खुद के न्यूयार्क में रहने की जानकारी साथ वहां पर बड़े फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन में अधिकारी के पद पर तैनात होने बात बताई थी। उनके बीच शादी की बातचीत शुरू हुई तो डा. प्रशांत ने भारत आने को कहा था। दूसरे दिन डा. प्रशांत ने फोन कॉल करके दिल्ली एयरपोर्ट पर फंसने की बात कही और एक महिला कस्टम अधिकारी से बात कराई। महिला अधिकारी ने छोड़ने के लिए कई बार में खाते में 1.25 लाख रुपये ट्रांसफर कराए।

गिरोह में महिला समेत पांच सदस्य

कानपुर डीसीपी अपराध सलमान ताज पाटिल ने बताया कि छानबीन के बाद टीम ने ठिरिया मोहनपुर नकटिया, बरेली निवासी मोहम्मद साजिद को गिरफ्तार किया है। आरोपित लंबे समय से लोगों को शिकार बना रहा था। आरोपित ने साथियों की मदद से अपना आधार कार्ड में पता जयपुर राजस्थान का कराया था। गिरोह में महिला समेत पांच सदस्य हैं। सभी की अलग-अलग भूमिका तय रहती थी। उसका काम खाते में रुपये आने के बाद गिरोह के सदस्यों में उन्हें बांटने का था।


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