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मुकदमे में शामिल होंगे अनुदान के 1500 अपात्रों के नाम, 19 लेखपालों व एक तहसीलदार पर हो चुकी है रिपोर्ट

रेल बाजार और बर्रा थाने में पूर्व में आधा दर्जन लाभाॢथयों पर मुकदमा हुआ था। अब बर्रा और रेल बाजार पुलिस ने विवेचना शुरू की है। कोतवाली पुलिस ने भी जांच शुरू कर दी है। कोतवाली पुलिस ने लेखपालों को नोटिस देकर बयान के लिए बुलाया है।

By Akash DwivediEdited By: Published: Thu, 19 Aug 2021 12:14 PM (IST)Updated: Thu, 19 Aug 2021 12:14 PM (IST)
मुकदमे में शामिल होंगे अनुदान के 1500 अपात्रों के नाम, 19 लेखपालों व एक तहसीलदार पर हो चुकी है रिपोर्ट
छह सौ से अधिक लोगों के पते गलत मिले, जबकि कुल अपात्रों की संख्या 1543 मिली

कानुपर,जेएनएन। शादी अनुदान और पारिवारिक लाभ योजना में हुए घोटाले के अपात्र लाभाॢथयों के नाम नाम मुकदमे में शामिल किए जाएंगे। 15 सौ लाभाॢथयों को अपात्र माना गया है। इनमें छह सौ से अधिक लाभार्थी ऐसे हैं जिनके पते नहीं मिले हैं। ऐसे लाभाॢथयों के पते पुलिस द्वारा बैंकों से लिए जाएंगे, ताकि उनकी तलाश की जा सके और उनसे यह जानने का प्रयास हो कि उन्होंने फर्जी पते पर कैसे आय अथवा जाति प्रमाण पत्र बनवाए। बर्रा और रेल बाजार पुलिस जल्द ही तय करेगी कि वह कितने लाभाॢथयों का नाम अपने मुकदमे में शामिल करेगी।

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शादी अनुदान और पारिवारिक लाभ योजना में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है। पूर्व में हुई जांच में 1808 ऐसे लोग पाए गए थे जिनके पते नहीं मिले थे। हालांकि डीएम आलोक तिवारी ने जब शासन के आदेश पर दोबारा जांच कराई तो पता गलत पते वालों की संख्या घटी। छह सौ से अधिक लोगों के पते गलत मिले, जबकि कुल अपात्रों की संख्या 1543 मिली।

बीच डीएम ने 19 लेखपालों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा कोतवाली में दर्ज करा दिया था। साथ ही एक तहसीलदार पर भी मुकदमा हुआ था। रेल बाजार और बर्रा थाने में पूर्व में आधा दर्जन लाभाॢथयों पर मुकदमा हुआ था। अब बर्रा और रेल बाजार पुलिस ने विवेचना शुरू की है। कोतवाली पुलिस ने भी जांच शुरू कर दी है।

कोतवाली पुलिस ने लेखपालों को नोटिस देकर बयान के लिए बुलाया है। उधर, बर्रा और रेल बाजार पुलिस ने भी एसडीएम से अपात्रों से जुड़ी पत्रावलियां मांगी हैं, ताकि अपात्रों को भी नोटिस देकर बुलाया जा सके और जिनके पते गलत बताए गए हैं उनके पते भी बैंकों से लिए जा सकें।

क्योंकि बैंकों में उन सभी के खाते हैं और उन खातों में ही योजना का पैसा भेजा गया है। लाभार्थी मिलेंगे तो वे यह बताएंगे भी कि उन्होंने गलत पते का उपयोग क्यों किया और गलत पते पर किसके माध्यम से उन्होंने प्रमाण पत्र बनवाए। अनुसूचित जाति, पिछड़ी जाति के लाभाॢथयों को जाति प्रमाण पत्र भी देना होता है। ऐसे में आय के साथ ही जाति प्रमाण पत्र भी गलत बने हैं। पुलिस दलालों के नेटवर्क को भी बेनकाब करेगी ताकि भविष्य में योजना में किसी तरह की गड़बड़ी न हो।


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