Water Conservation: कानपुर के गांव में सहेज ली हर बूंद तो बढ़ा भूगर्भ जलस्तर, अब सूखे हैंडपंप भी दे रहे पानी
लोग ये सोचकर खुश हैं किअउन्होंने घर की छतों के माध्यम से बारिश के पानी को रोका और भूगर्भ में उतार उसका सुरक्षित उपयोग कर पा रहे हैं। हरनू ग्राम पंचायत के लोग अन्य गांव के लोगों को ये मॉडल दिखाकर उन्हें जल सहेजने को प्रेरित कर रहे हैं।
कानपुर, जेएनएन। शिवराजपुर ब्लाक की हरनू ग्राम पंचायत आसपास के गांव के लिए मॉडल बन गई है। इस गांव के बंद हो चुके हैंडपंपों से पानी आना शुरू हो गया है। यह करिश्मा किसी और ने नहीं गांव वालों ने खुद करके दिखाया है। बर्बाद होने वाले बारिश के पानी को गांव में सूखे पड़े कुएं से जोड़कर रीचार्ज वेल बना डाला। गांव में भूगर्भ जल बढऩे पर सूख चुके हैंडपंप भी अब पानी देने लगे। यहीं नहीं आसपास के गांव वालों ने भी पहल शुरू कर दी है। हरनू के ग्रामीण लोगों को बारिश का पानी बचाने के लिए जागरूक कर रहे हैं।
श्रमिक भारती एवं वाटर एड से जुड़ीं सुनीला शुक्ला शिवराजपुर ब्लाक की नौ पंचायतों मुहपोछा, बिलहन, तारापति नेवादा, ककूपुरसीताराम, टकटोली, मुस्ता, रामपुर. सखरेज, हरनू और रानेपुर पंचायत में जल संचयन पर कार्य कर रही हैं। इससे प्रेरित होकर वर्ष 2019 में हरनू ग्राम पंचायत के लोगों ने श्रमिक भारती एवं वाटर एड की सहायता से कार्य शुरू किया। गांव के ओमनाथ, ज्ञानङ्क्षसह, नीलू, जयचंद और सत्यभान ने घर की छतों से बारिश का पानी सुरक्षित उतारते हुए एक पुराने कुएं से जोड़ा और उसे रीचार्ज वेल बनाया। क्षेत्र की राखी, अभिषेक, रजोल, सूर्यपाल, बउवा, प्रतिभा, शालू ने बताया कि रीचार्ज वेल के माध्यम से आसपास के सभी हैंडपंप जो गर्मियों में पूरी तरह सूख जाते थे, अब वर्ष भर पानी दे रहे हैं। अब गांव वालों को पानी के लिए नहीं जूझना पड़ता। लोग इससे खुश हैं की उन्होंने घर की छतों के माध्यम से बारिश के पानी को रोका और भूगर्भ में उतार उसका सुरक्षित उपयोग कर पा रहे हैं। हरनू ग्राम पंचायत के लोग अन्य गांव के लोगों को ये मॉडल दिखाकर उन्हें जल सहेजने को प्रेरित कर रहे हैं। आसपास के गांवों में बारिश के पानी को बचाने की कवायद शुरू कर दी गई है।