संजीत हत्याकांड : सीबीआइ ने ली चार्जशीट, नामजद आरोपित से हुई पूछताछ, थाने में इन सवालों का नहीं मिला जवाब
सीबीआइ ने थाना प्रभारी और पुलिसकर्मियों से पूछताछ करते हुए हत्याकांड की चार्जशीट पेनड्राइव से ली। सीबीआइ ने दागी पुलिसकर्मियों की बहाली राजफाश के दौरान उनकी तैनाती और मौजूदा समय में तैनाती की जानकारी की। वहीं हत्यारोपित ज्ञानेंद्र की इस मामले की अगली सुनवाई कोर्ट में शुक्रवार को होनी है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। संजीत अपहरण और हत्याकांड में सीबीआइ लखनऊ यूनिट की टीम मंगलवार से शहर में छानबीन कर रही है। बुधवार से टीम ने होटल छोड़कर थाने की पहली मंजिल पर ही डेरा जमा लिया है। देर रात सीबीआइ ने थाना प्रभारी और पुलिसकर्मियों से पूछताछ करते हुए हत्याकांड की चार्जशीट पेनड्राइव से ली। सीबीआइ ने दागी पुलिसकर्मियों की बहाली, राजफाश के दौरान उनकी तैनाती और मौजूदा समय में तैनाती की जानकारी की। टीम ने गुरुवार को मुकदमे में नामजद आरोपित राहुल और संजीत के सहकर्मी से पूछताछ की।
टीम ने थाने में तैनात पुलिसकर्मियों से घटना के वक्त यहां तैनात थाना प्रभारी रणजीत राय, क्षेत्राधिकारी मनोज गुप्ता और तत्कालीन एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता के बारे में पूछताछ की। मौजूदा तैनाती के बारे में जानकारी ली तो दागी थाना प्रभारी की तैनाती सर्विलांस क्राइम सेल लखनऊ में होने की जानकारी हुई तो टीम दंग रही गई और कहा कि अगर इतने ही सर्विलांस के मास्टर थे तो फिरौती मांगने वालों को क्यों नहीं पकड़ पाए। इतने महत्वपूर्ण पद पर ऐसे लोगों की तैनाती नहीं होनी चाहिए। एक घंटे तक पूछताछ के बाद सीबीआइ इंस्पेक्टर ने डायरी में लिखे पांच नामों पर डबल टिक किया। टीम ने मुकदमे में नामजद आरोपित विश्वबैंक बर्रा निवासी पीएसी जवान के बेटे राहुल और संजीत के सहकर्मी से अलग-अलग दो घंटे तक पूछताछ की।ं सीबीआइ ने पूछा कि आखिरी बार कब बात हुई, कौन-कौन ऐसे दोस्त थे, जिन्हें वो दोनों जानते थे। अपहरण होने के बाद उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की वजह क्या थी आदि सवाल पूछने के बाद टीम ने उन्हें वापस भेज दिया। इसके बाद टीम ने फत्तेपुर स्थित लोहे वाला पुल पहुंचकर शव फेंकने का स्थान देखा।
थाने में पुलिसकर्मियों से सीबीआइ के ये थे सवाल
- सवाल : फिरौती की रकम दिए जाते समय टीम कौन लीड कर रहा था
जवाब : तत्कालीन थाना प्रभारी रणजीत राय
- सवाल : राजफाश के दौरान क्या दागी पुलिसकर्मियों पर निलंबन की कार्रवाई हो चुकी थी
जवाब : हां, कुछ की बाद में हुई।
- सवाल : मौजूदा समय में दागी पुलिसकर्मियों की बहाली हुई या नहीं
जबाव : सभी की बहाली हो गई
- सवाल : फिरौती वाले बैग में मोबाइल रखने कौन-कौन सिपाही गए थे
जवाब : डिशू भारती और अवधेश।
- सवाल : इन दोनों सिपाहियों की वर्तमान में कहां तैनाती है
जवाब : डिशू की दक्षिण जोन प्राइवेट टीम और अवधेश की क्राइम ब्रांच।
- सवाल : जो मोबाइल सिपाही ने रखा था क्या उसके संबंध में कोई गुमशुदगी या तस्करा दर्ज है
जवाब : नहीं
- सवाल : बैग में रखा गया मोबाइल किस कंपनी का था
जबाव : जानकारी नहीं है।
- सवाल : मोबाइल में सिमकार्ड किसके नाम का था और किस कंपनी का था
जवाब : सिमकार्ड डिशू का था, कंपनी की जानकारी नहीं है।
हत्यारोपित ज्ञानेंद्र की आज है कोर्ट में सुनवाई
संजीत अपहरण-हत्याकांड के आरोपित दबौली निवासी ज्ञानेंद्र उर्फ ईशू की जून 2021 में हाईकोर्ट से जमानत हुई थी। उसके खिलाफ भी गैंगस्टर की कार्रवाई हुई थी, जिसकी जमानत उसे दिसंबर 2021 में मिली थी। ज्ञानेंद्र की हत्या के मामले की अगली सुनवाई कोर्ट में शुक्रवार को होनी है। वहीं, गैंगस्टर के मामले की सुनवाई पांच फरवरी 2022 को होनी है। स्वजन ने जमानत पर छूटने के बाद उसे आजमगढ़ गांव में भिजवा दिया था। देर रात तक वह शहर आकर सीधा कोर्ट की तारीख में पहुंचेगा और उसके बाद वापस जाने की योजना है।