हमीरपुर उपचुनाव : सपा-बसपा इस तरह रोक सकते थे भाजपा का रास्ता Hamirpur News
दोनों दलों के प्रत्याशियों को मिले कुल मत भाजपा से 10931 अधिक हैं यहां गठबंधन का लाभ मिल सकता था।
हमीरपुर, [राजीव त्रिवेदी]। मोदी लहर का सामना करने के लिए लोकसभा चुनाव में बना गठबंधन तब भले ही कोई असर नहीं दिखा सका था, लेकिन उपचुनाव में दोनों दल मिलकर लड़ते तो शायद भाजपा के विजय रथ को रोक सकते थे। सपा व बसपा को मिले कुल मत भाजपा प्रत्याशी को मिले मतों से 10,931 अधिक हैं।
लोकसभा चुनाव 2019 सपा व बसपा ने गठबंधन करके लड़ा था। दोनों मिलकर भी मोदी लहर को रोकने में नाकाम रहे थे। तब भाजपा प्रत्याशी पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने गठबंधन से बसपा प्रत्याशी दिलीप सिंह को 2,48,652 मतों से शिकस्त दी थी। नतीजा, चुनाव बाद गठबंधन टूट गया। सदर विधानसभा सीट के उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी ने 74,409 मत पाकर जीत हासिल की। दूसरे स्थान पर रहे सपा प्रत्याशी मनोज प्रजापति को 56,542 मत मिले, वहीं बसपा प्रत्याशी नौशाद अली को 28,798 मत प्राप्त हुए। सपा व बसपा के मतों को जोड़ दें तो यह भाजपा प्रत्याशी को मिले मतों से 10,931 मत अधिक है।
2017 में मिले मतों की तुलना पिछड़ गई भाजपा
वर्ष 2017 विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अशोक चंदेल को 43.95 फीसद मत मिले थे। दूसरे नंबर पर रहे सपा के डॉ. मनोज प्रजापति को 24.59 फीसद मत मिले थे। उपचुनाव में जीते भाजपा प्रत्याशी को 38.51 फीसद व सपा प्रत्याशी को 29.29 फीसद मत मिले। इस तरह भाजपा का साढ़े पांच फीसद वोट कम हुआ, जबकि सपा ने साढ़े चार फीसद वोट बढ़ाए।
2014 के उपचुनाव में विजयी प्रत्याशी की तुलना में कम मिले मत
वर्ष 2014 के उपचुनाव की तुलना में इस बार विजेता को 15 फीसद मत कम मिले। तब जीत हासिल करने वाले सपा प्रत्याशी शिवचरन प्रजापति को 53.63 फीसद मत मिले थे, जबकि भाजपा प्रत्याशी को 21.09 फीसद मतों के साथ दूसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा था। वहीं इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी युवराज ङ्क्षसह को 38.51 फीसद मत मिले हैं।
आठवें स्थान पर रहा नोटा
वर्ष 2017 विस चुनाव की तुलना में उपचुनाव में नोटा दबाने वाले मतदाताओं की संख्या कम रही। 2017 में 3356 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया था जो कुल पड़े मतों का 1.73 फीसद था। इस उपचुनाव में 2294 मतदाताओं ने नोटा का प्रयोग किया है, जो कुल मतों का 1.19 फीसद है। नोटा पर पड़े मतों की संख्या दो पंजीकृत दलों के प्रत्याशियों को मिले मतों से अधिक है, जिससे नोटा इस बार आठवें स्थान पर रहा।