कोहरे ने रोकी छात्रों की उड़ान, प्रैक्टिकल करने में हो रही मुश्किल Kanpur News
छात्रों के लिए प्रैक्टिकल के तौर पर उड़ान भरना अनिवार्य है लेकिन कोहरे ने इस योजना पर पानी फेर रखा है।
कानपुर, [जमीर सिद्दीकी]। अक्सर आपको कानपुर के ऊपर आसमान में तेज आवाज के साथ ग्लाइडर उड़ते दिखाई देते होंगे लेकिन पिछले छह दिनों से उनकी आवाज आपने नहीं सुनी होगी क्योंकि सिविल एयरपोर्ट पर कोहरे की छटा ऐसी छाई है कि सिविल एयरपोर्ट पर पायलट की पढ़ाई कर रहे छात्रों को प्रैक्टिकल कराने में मुश्किल हो रही है क्योंकि, पिछले छह दिनों से एक भी ग्लाइडर ने उड़ान भरने की हिम्मत नहीं की है ।
कानपुर के सिविल एयरपोर्ट पर पचास से अधिक छात्र पायलट की ट्रे¨नग ले रहे हैं, ये ट्रे¨नग केंद्र सरकार द्वारा योजना के अधीन है। इन छात्रों को केंद्र सरकार के मुख्य पायलट प्रशिक्षक कैप्टन मयंक गर्ग ट्रे¨नग दे दे रहे हैं। इन छात्रों के लिए प्रैक्टिकल के तौर पर उड़ान भरना अनिवार्य है लेकिन कोहरे ने इस योजना पर पानी फेर रखा है। इस संबंध में मुख्य पायलट प्रशिक्षक मयंक गर्ग का कहना है कि कोहरे के कारण उड़ान भरना संभव नहीं है। उनका कहना है कि ग्लाइडर तो दूर सात सीटर विमान भी टेकआफ नहीं हो पा रहा है।
बता दें कि अहिरवां एयरपोर्ट पर विमानों को उतरने में दिक्कत तो हो ही रही है, यही कारण है कि मंगलवार को चारों फ्लाइट दिल्ली, अहमदाबाद, मुंबई की दो फ्लाइट निरस्त करना पड़ा। हालांकि बुधवार को मौसम कुछ साफ हुआ तो सारी फ्लाइट कानपुर लैंड कर गई।
अहिरवां में लगेगा आधुनिक इंस्ट्रूमेंट्स लैंडिंग सिस्टम
अहिरवां एयरपोर्ट पर विमानों की इंस्ट्रूमेंट्स लैंडिंग सिस्टम (आइएलएस) संख्या बढ़ी तो रनवे पर लगे बूढ़े को हटाकर उसके स्थान पर नया आधुनिक आइएलएस लगाया जाएगा। अभी ये बूढ़ा आइएलएस 1100 मीटर पर विमान को लैंड कराता है लेकिन आधुनिक आइएलएस विमानों को मात्र 200 मीटर पर रनवे पर लैंड करा देगा।