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रोज ऊंचा हो रहा 20 लाख टन कचरे का पहाड़

पांच साल में नगर निगम नहीं तलाश सका कचरा निस्तारण की कंपनी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 07 Dec 2019 01:56 AM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 06:08 AM (IST)
रोज ऊंचा हो रहा 20 लाख टन कचरे का पहाड़
रोज ऊंचा हो रहा 20 लाख टन कचरे का पहाड़

जागरण संवाददाता, कानपुर :

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भौंती में 20 लाख टन से कहीं ज्यादा कचरे का पहाड़ खड़ा है। इस पर रोज एक हजार टन की परत और चढ़ रही है। फिलहाल यह शहर की ऐसी समस्या है, जिसका निदान नगर निगम बीते पांच वर्षो में तलाश नहीं पाया है। दो कंपनियां तय की गई और दोनों ने ही हाथ उठा दिए। अब कचरा निस्तारण के लिए नए टेंडर कराने की प्रक्रिया शासन में लंबित है।

शहर में प्रतिदिन 1350 मीट्रिक टन कचरा पैदा होता है। इसमें से नगर निगम करीब 1100 मीट्रिक टन कचरा उठाता है और बाकी सड़कों व नालियों में सड़ता रहता है। नगर निगम ने वर्ष 2014 में एटूजेड कंपनी से करार किया था। डोर टू डोर कचरा उठाने से लेकर कचरे के निस्तारण का काम भी सौंपा गया था। इसके लिए भौंती में करोड़ों रुपये की लागत से कचरा निस्तारण प्लांट बनाया गया, लेकिन यह व्यवस्था चल नहीं पाई। कंपनी कचरे का निस्तारण नहीं कर पाई, वहां कचरे का ढेर लगना शुरू हो गया। इसके बाद नगर निगम ने खुद घर-घर कचरा उठाने का इंतजाम किया। 2016 में आइएलएफएस कंपनी से करार किया कि वह भौंती में कचरे का निस्तारण करे। उससे खाद, बिजली व अन्य उत्पाद तैयार करे। उस समय तक कचरे का बहुत बड़ा पहाड़ खड़ा था। इस कंपनी ने 2017 से कचरा निस्तारण तो शुरू किया, लेकिन रोज 700 टन से अधिक कचरे का निस्तारण नहीं कर पा रही थी। पुराना ढेर न खड़ा ही रहा बल्कि उसमें इजाफा ही हो रहा था। किसी विवाद के कारण इस कंपनी के सारे बैंक खाते सीज हो गए। ऐसे में कंपनी आगे काम नहीं कर पाई। यह इंतजाम भी विफल हो गया।उसके बाद से नगर निगम डोर टू डोर कचरा उठाने से लेकर भौंती प्लांट तक कचरा पहुंचाने का काम जारी रखा। करीब एक सप्ताह पहले तक यहां कचरे का पहाड़ 20.5 लाख मीट्रिक टन हो चुका था। इस कचरे से आसपास के गांवों से लेकर औद्योगिक इकाइयां तक संकट में हैं। शहर में प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह यही कचरे का ढेर बना हुआ है। यह देखते हुए नगर निगम ने अब कचरा उठाने, कचरे को प्लांट तक पहुंचाने और कचरे का निस्तारण करने के लिए अलग-अलग कंपनियों को ठेका देने की योजना तैयार की है। इसके लिए कई कंपनियों से वार्ता भी हुई है। अभी इस मामले पर नगर विकास विभाग ने कोई कार्यवाही नहीं की है।

कचरा निस्तारण की समस्या को लेकर शुरू से ही प्रयासरत हूं। अब कचरा उठाने, प्लांट तक उसे पहुंचाने और निस्तारण की व्यवस्थाएं अलग-अलग की जा रही हैं। जल्द ही टेंडर हो जाएगा तो इस पर काम शुरू हो जाएगा।

-अक्षय त्रिपाठी, नगर आयुक्त


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