ट्रांसपोर्टनगर की सड़कों में गढ्डा या गढ्डे में सड़कें
जागरण संवाददाता, कानपुर : देश में माल ढुलाई का प्रमुख केंद्र माने जाने वाले ट्रांसपोर्ट नगर की
जागरण संवाददाता, कानपुर : देश में माल ढुलाई का प्रमुख केंद्र माने जाने वाले ट्रांसपोर्ट नगर की हालत बद से बदतर है। यहां सड़कों में गड्ढा है या गड्डे में सड़के हैं, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है, दिनरात धूल फांक रहे व्यवसायी गुस्से में हैं और आंदोलन की तैयारी कर रहे।
ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र करीब चार किमी के दायरे में फैला है। यहां 20 से 25 हजार ट्रकें हर समय रहती हैं और पांच से सात हजार ट्रक माल की प्रतिदिन ढुलाई होती है, लेकिन यहां की सड़कें गढ्डे में तब्दील हो चुकी हैं जिनसे उड़ने वाली धूल से ट्रांसपोर्ट नगर में जैसे बदली छायी रहती है।
स्थिति ये है कि जूही नहरिया से बाकरगंज चौराहा जाने वाला मुख्य मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है। ऐसे ही बाबूपुरवा थाना से जूही नहरिया मार्ग को लिंक करने वाला मुख्य मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है। यही हाल ट्रांसपोर्ट नगर के अंदर करीब 30 मार्गो का है, यहां सड़कें खत्म हो चुकी हैं।
दो दिन मशीनें खड़ी रहीं
योगी सरकार ने जब सड़कों को गढ्डा मुक्त करने की घोषणा की थी तो दो दिनों तक जेसीबी और सड़क बनाने वाली मशीनें ट्रांसपोर्ट नगर में जूही नहरिया मार्ग पर खड़ी रही लेकिन फिर नदारद हो गयीं।
यूपी मोटर ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सतीश गांधी का कहना है कि राज्य सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व ट्रांसपोर्ट से ही मिलता है लेकिन ट्रांसपोर्ट नगर की सड़कों में गड्ढों के चलते लाखों रुपये ट्रकों के मेंटीनेंस में खर्च हो रहा है और अक्सर वाहन पलट जाते हैं।