कानपुर में नदियों के संरक्षण को कराई जाएगी खोदाई, मनरेगा के तहत सफाई कर बेरोजगारों को मिलेगा काम
मुख्य विकास अधिकारी डॉ. महेंद्र कुमार ने उपायुक्त मनरेगा से कहा है कि वे मनरेगा के तहत बड़े पैमाने पर पौधारोपण कराएं। नदियों के किनारे पौधे रोपे जाएं और नदियों में पड़ी मिट्टी भी साफ कराई जाए। जहां जरूरत हो वहां चेकडैम का निर्माण भी सिंचाई विभाग से करवाया जाए।
कानपुर, जेएनएन। शहर की पांडु नदी, नून नदी, अटक नदी, ईशन नदी में बड़ी मात्रा में सिल्ट जमा हो रही है। साथ ही यह नदियां एक-एक कर अतिक्रमण का शिकार हो रही हैं। ऐसी नदियों को उनके पुराने स्वरूप में लाने के लिए सिल्ट सफाई का कार्य कराया जाएगा। ताकि उनका प्रवाह बना रहे और जल संरक्षण भी हो सके। इसके साथ ही इन नदियों के किनारे पेड़ भी लगाए जाएंगे और उनके प्रवाह को जहां कहीं रोका गया होगा वहां से अतिक्रमण को भी हटाया जाएगा। यह कार्य मनरेगा के तहत किया जाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग रोजगार भी प्राप्त कर सकें।
गांवों में इस बार बड़े पैमाने पर पौधारोपण किया जाना है। कोशिश है कि मनरेगा के तहत पीपल, बरगद, नीम के पौधे बड़े पैमाने पर लगाए जाएं। इसके लिए स्थल का चयन भी किया जा रहा है।
मुख्य विकास अधिकारी डॉ. महेंद्र कुमार ने उपायुक्त मनरेगा से कहा है कि वे मनरेगा के तहत बड़े पैमाने पर पौधारोपण कराएं। नदियों के किनारे पौधे रोपे जाएं और नदियों में पड़ी मिट्टी भी साफ कराई जाए। जहां जरूरत हो वहां चेकडैम का निर्माण भी सिंचाई विभाग से करवाया जाए ताकि नदियों में पानी रुके और भूगर्भ जल स्तर बढ़े। शहरी क्षेत्र में नगर निगम के जरिए पांडु नदी को साफ कराया जाएगा जबकि ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा के तहत ग्राम पंयाचत की ओर से काम कराया जाएगा। पांडु नदी में सबसे ज्यादा अतिक्रमण है कुछ लोगाें ने तो इसे पाट कर खेत बना लिया है। यही स्थिति नून नदी और अटक नदी की भी है। अब मनरेगा से इन नदियों की सफाई होगी तो किसानों को अपने खेतों को सींचने में भी आसानी होगी।