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संक्रमण में खादी के मास्क को प्रमुखता दे रहे शहरवासी, जानिए क्या है इसकी खूबी

विभिन्न रंगों के मास्क उपलब्ध है। जो बाजार में आ रहे अन्य मास्कों की तुलना में सस्ते मिल रहे। खादी के मास्क की कीमत 25 से 28 रुपये रखी गई। महामारी में अधिक से अधिक लोगों के बीच इसको पहुचाने के लिए इसमें कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं वसूला जा रहा।

By Akash DwivediEdited By: Published: Sun, 02 May 2021 03:13 PM (IST)Updated: Sun, 02 May 2021 03:13 PM (IST)
संक्रमण में खादी के मास्क को प्रमुखता दे रहे शहरवासी, जानिए क्या है इसकी खूबी
खादी के सस्ते व बेहतर क्वालिटी के डिजायनर मास्क की डिमांड शहरवासियों में देखने को मिल रही

कानपुर, जेएनएन। वर्तमान में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए हर किसी के चेहरे पर मास्क दिख रहा है। महामारी से बचाने वाला मास्क समय के साथ नाना प्रकार के फैशन में बदलता जा रहा। कुछ ऐसा ही नजारा सर्वोदय नगर स्थित स्वराज्य आश्रम में देखने को मिल रहा। जहां प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में खादी के मास्क खरीदने के लिए हर वर्ग के लोग आ रहे हैं। खादी के सस्ते व बेहतर क्वालिटी के डिजायनर मास्क की डिमांड शहरवासियों में देखने को मिल रही है।

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स्वराज्य आश्रम के मंत्री प्रेम सिंह सेंगर ने बताया कि आश्रम में दो लेयर वाले विभिन्न रंगों के मास्क उपलब्ध है। जो बाजार में आ रहे अन्य मास्कों की तुलना में सस्ते मिल रहे। खादी के मास्क की कीमत 25 से 28 रुपये रखी गई। महामारी में अधिक से अधिक लोगों के बीच इसको पहुचाने के लिए इसमें कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं वसूला जा रहा। शहरवासियों में खादी की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता कि प्रतिदिन एक हजार से ज्यादा मास्क बिक जाते।

बाजार में मिल रहे मास्क को एक बार उपयोग करके फेंकना पड़ता है, जबकि खादी के मास्क को गर्म पानी में धोकर पुन: उपयोग किया जाता है। उन्होंने बताया कि युवा वर्ग का ध्यान खादी की ओर आकॢषत करने के लिए डिजाइनर की तर्ज पर नए लुक के कपड़ों व मास्क बनाए जा रहे। इसके साथ ही बेहतर प्रेजेंटेनशन के लिए मॉल लुक में सुविधाएं मुहैया कराई जा रही,जिससे युवा वर्ग का आकर्षण खादी की ओर बढ़ रहा। पिछले कुछ वर्षों में खादी आश्रम ने महिला व पुरुष के साथ बच्चों के हर वर्ग की चीजों को नए लुक में डिजाइन कर अपनी धमक बढ़ाई। जिसके कारण कई प्रदेशस्त्रीय व राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मान भी मिल चुका।

वर्ष प्रतिवर्ष बढ़ी खादी की डिमांड : वर्ष 2006-07 में सालाना तीन करोड़ 24 लाख की ब्रिकी करने वाला आश्रम 2017-18 में लगभग 11 करोड़ नब्बे लाख तक पहुंच गया। खादी के करोबार में वैरायटी आने के बाद इसका ब्रिकी ग्राफ लगातार बढ़ता रहा। एक नजर स्वराज्य आश्रम पर स्वराज्य आश्रम की स्थापना 1921 में हुई थी। भारतीय मानक ब्यूरो से प्रमाणिक संस्था का कार्य क्षेत्र कानपुर के आप-पास लगभग 10 जिलों में होता है। इसकी कुल 43 शाखाएं हैं जिनमें 13 में उत्पादन कार्य होता। यहां का मुख्य उत्पादन सफेद खादी, एक सूती व दो सूती, उपकार शर्टिंग, मलेशिया शर्टिंग के साथ बिजली शर्टिंग, गमछा, तौलिया, रूमाल, चादर, पोली, कर्ता आदि प्रमुखता पर रहता। 


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