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विज्ञान के छात्रों के लिए डीएवी कालेज में बनेगा शोध केंद्र, राज्य सरकार ने दिया पांच करोड़ का बजट

अत्याधुनिक प्रयोगशाला व स्मार्ट क्लास रूम के लिए कालेज को राज्य सरकार की ओर से पांच करोड़ रूपये का बजट मिला है। बीएससी व एमएससी के छात्र यहां बन रही अत्याधुनिक संयुक्त प्रयोगशाला में अनुसंधान कर सकेंगे। इसके अलावा पीएचडी के छात्रों के लिए अलग से प्रयोगशाला बनाई जाएगी

By Akash DwivediEdited By: Published: Sat, 14 Aug 2021 08:25 PM (IST)Updated: Sat, 14 Aug 2021 08:25 PM (IST)
विज्ञान के छात्रों के लिए डीएवी कालेज में बनेगा शोध केंद्र, राज्य सरकार ने दिया पांच करोड़ का बजट
इसी सत्र से छात्रों को इसका लाभ मिलना शुरू हो जाएगा

कानपुर, जेएनएन। अपने प्रायोगिक अध्ययन व शोध कार्य के लिए डीएवी डिग्री कालेज के छात्रों को आइआइटी व आइआइएससी जैसे संस्थानों में जाने की अब जरूरत नहीं होगी। शोध के लिए ऐसे उपकरण उन्हें अपने ही कालेज में मिल सकेंगे जिनकी उन्हें दरकार रहती है। भौतिक व रसायन विज्ञान के छात्रों के लिए कालेज में सेंटर आफ एक्सीलेंस बनकर तैयार होने की कगार पर पहुंच गया है। यह एक शोध केंद्र के रूप में भी कार्य करेगा। इसी सत्र से छात्रों को इसका लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।

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यहां पर बनने वाली अत्याधुनिक प्रयोगशाला व स्मार्ट क्लास रूम के लिए कालेज को राज्य सरकार की ओर से पांच करोड़ रूपये का बजट मिला है। बीएससी व एमएससी के छात्र यहां बन रही अत्याधुनिक संयुक्त प्रयोगशाला में अनुसंधान कर सकेंगे। इसके अलावा पीएचडी के छात्रों के लिए अलग से प्रयोगशाला बनाई जाएगी। नए सत्र से यहां के छात्र छात्राएं नई तकनीक के साथ भौतिक व रसायन विज्ञान विषयों की पढ़ाई करेंगे। कालेज में बनाए जा रहे सेंटर आफ एक्सीलेंस में छात्रों के साथ शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे। कालेज में प्रतिवर्ष बीएससी प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाले व अध्ययनरत चार हजार से छात्र छात्राओं को इसका लाभ मिलने लगेगा।

डीएवी डिग्री कालेज प्राचार्य डा. अमित श्रीवास्तव ने बताया कि अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं के उपकरण आए करीब छह माह बीत चुका है। कोरोना के चलते काम पूरा होने में समय लग रहा है। इसी वर्ष छात्रों के लिए यह बनकर तैयार हो जाएगी। यहां पर कई ऐसे प्रायोगिक उपकरण लगेंगे जिनका उपयोग स्टार्टअप स्थापित करने व किसी नए उत्पाद को तैयार करने में किया जा सकता है। अभी तक बीटेक व एमटेक करने के बाद छात्र खुद की कंपनी स्थापित करते हैं, जबकि यहां पर बीएससी व एमएससी करने के बाद छात्र अपनी कंपनी खोलने के बारे में सोच सकेंगे।


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