Move to Jagran APP

सुप्रीम कोर्ट का आरबीआइ काे निर्देश, अब बैंक के लिए आसान न होगा लॉकर तोड़ना

बैंकों में लॉकर का शुल्क अदा करना ग्राहक भूल जाते हैं और काफी अधिभार हो जाता है। इसके चलते ज्यादातर बैंक संबंधित ग्राहक के लॉकर को तोड़ देती हैं और ग्राहक के आने पर उसका सामान सुपुर्द में दे दिया जाता है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 21 Feb 2021 11:58 AM (IST)Updated: Sun, 21 Feb 2021 11:58 AM (IST)
सुप्रीम कोर्ट का आरबीआइ काे निर्देश, अब बैंक के लिए आसान न होगा लॉकर तोड़ना
बैंक में लॉकर रखने वालों को मिलेगी राहत।

कानपुर, जेएनएन। बैंक में लॉकर रखने वालों के लिए राहत भरी खबर है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद आरबीआइ को लॉकर को लेकर नई गाइड लाइन तैयार करनी है। नई गाइड लाइन के बाद बैंकों को किसी ग्राहक का लॉकर तोड़ना अासान नहीं रहेगा, फिर चाहे ग्राहक पर कितना भी शुल्क बकाया क्यों न रहा हो।

loksabha election banner

बैंकों में अक्सर लॉकर में सामान रखने के बाद लोग कई बार समय पर उसका शुल्क अदा करना भूल जाते हैं। इसकी वजह से बैंक उनके लॉकर को तोड़ देती हैं। इसके बाद जब कभी वह ग्राहक आता है तो उसका सामान उसे दे दिया जाता है। मगर अब ऐसा करना बैंक के लिए आसान नहीं होगा। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक को निर्देश दिया है कि वह छह माह में इसके लिए कोई गाइड लाइन तैयार करे।

इसलिए अब रिजर्व बैंक द्वारा लॉकर के रखरखाव और शुल्क ना जमा करने पर इसे तोड़ने की गाइड लाइन बनने तक बैंक आसानी से लॉकर तोड़ नहीं सकेंगे। कानपुर में तमाम बैंक शाखाओं में लॉकर की सुविधा है। ग्राहक जब लॉकर लेते हैं तो ज्यादातर बैंक अपने यहां ही उसका बचत खाता भी खुलवा लेते हैं ताकि उस खाते से लॉकर का किराया काटा जा सके लेकिन कई बार बैंक खाता भी सक्रिय नहीं रहता। किराया ना मिलने पर बैंक प्रबंधन लॉकर को तोड़ देता है।

अब सुप्रीम कोर्ट ने के निर्णय के बाद तमाम ग्राहकों को राहत मिलेगी। वी बैंकर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय महामंत्री आशीष मिश्रा के मुताबिक अभी तक बैंकों में इसके संबंध में कोई गाइड लाइन नहीं है। रिजर्व बैंक जब गाइड लाइन बनाएगा तो वह सभी को मान्य होगी, इससे ग्राहकों को राहत मिलेगी। शहर में बहुत सी बैंक शाखाओं में ऐसे लॉकर बंद पड़े हैं जो लंबे समय से आपरेट नहीं हुए हैं। गाइड लाइन बनने के बाद उन्हें उसी के दायरे में तोड़ जा सकेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.