राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमत्री को भेजा पत्र, कहा- एक हजार परिवार पर हो एक अस्पताल
कोरोना संक्रमण को देखते हुए राष्ट्रीय विकलांग पार्टी ने चिंता जताई है और सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों व मेडिकल स्टाफ की संख्या बढ़ाने की मांग की है। अस्पतालों में वीआईपी कल्चर खत्म करके समान इलाज की बात कही है।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण काल के दौरान अस्पतालों की हकीकत अब सामने आ चुकी है। इन सभी के बीच अब स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भी गंभीरता नजर आने लगी है और आवाज भी उठने लगी है। सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों व कर्मचारियों की कमी है तो संसाधन भी पर्याप्त नहीं हैं, जिससे लोगों की जान बचाना मुश्किल हो रहा है। यह सब देखते हुए राष्ट्रीय विकलांग पार्टी ने सरकार से सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों व मेडिकल स्टाफ की संख्या बढ़ाने की मांग की है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर कहा है कि प्रत्येक हजार परिवार पर एक अस्पताल होना चाहिए। अस्पतालों, डाक्टरों व मेडिकल कर्मचारियों की कमी की वजह से कोरोना संक्रमितों के इलाज में परेशानी हो रही है।
पार्टी की ओर से पत्र में कहा गया है कि जनसंख्या के अनुपात में अस्पताल, डाक्टर व कर्मचारी न होने से कोरोना महामारी से लोगों को बचाने बाधा आ रही है। कोरोना महामारी तेजी से फैल रही है। हर दिन लाखों लोग संक्रमित हो रहे हैं। काफी लोगों की जिंदगी आक्सीजन के अभाव में खत्म हो चुकी है। लोगों को अस्पतालों में भर्ती होने के लिए जगह नहीं मिल रही है। हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए संसाधन बढ़ाए जाए। जांच के बाद कोरोना पॉजिटिव आने पर तुरंत अस्पताल में भर्ती होेने की व्यवस्था की जाएगा। मरीजों के उपचार में किसी तरह की लापरवाही न हो।
शहर में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर राष्ट्रीय विकलांग पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव वीरेंद्र कुमार ने शास्त्री नगर सेंट्रल पार्क में बैठक की। उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर अस्पतालों में वीआईपी कल्चर खत्म कर सभी को समान इलाज दिलाने, अस्पतालों में डाक्टरों व कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की मांग की। उन्होंने कहा कि कोरना से बचाव के लिए काढ़ा, मास्क व सैनिटाइजर का वितरण किया जाएगा। बैठक में राहुल कुमार,अल्पना कुमारी, अरविंद सिंह, दिनेश यादव, बंगाली शर्मा आदि रहे।