बरकतों का महीना रमजान आज से, रहमतों के खुले दरवाजे
जेएनएन कानपुर रमजान का मुकद्दस महीना बुधवार से शुरू होने जा रहा है।
जेएनएन, कानपुर: रमजान का मुकद्दस महीना बुधवार से शुरू होने जा रहा है। मंगलवार को चांद का दीदार होते ही एक दूसरे को रमजान की मुबारकबाद देने का सिलसिला देर तक चलता रहा। बाजारों में चहल-पहल बढ़ गई। तरावीह की नमाज के बाद लोग सहरी की तैयारी में लग गए।
सोमवार को चांद न दिखाई देने पर तय हो गया था कि पहला रोजा बुधवार को होगा। मंगलवार सुबह से ही रमजान की तैयारियां शुरू हो गई थीं। बाजारों में दिन भर सहरी व इफ्तार के लिए खरीदारी होती रही। शाम हुई तो लोग चांद देखने घरों व मस्जिदों की छत पर चढ़ गए। चांद दिखते ही एक दूसरे को रमजान की मुबारकबाद दी जाने लगी। घरों में टीवी बंद हो गए और इबादत शुरू हो गई। उलमा ने रमजान की अहमियत बताई। पहला रोजा रखने के लिए बच्चों में भी उत्साह रहा। रात को तरावीह की नमाज के लिए लोग मस्जिदों में पहुंचे। उलमा ने दस बजे से पहले तरावीह खत्म करने तथा घर जाने की अपील की।
---------
खजूर व फलों की हुई खरीदारी
रमजान के मद्देनजर बाजारों में दिन भर भीड़ रही। रोजा खोलने के लिए बेकनगंज, चमनगंज, दादामियां का चौराहा, चमनगंज, परेड में खजूर व फलों की खूब खरीदारी हुई। एक किलो खजूर 120 रुपये से लेकर 400 रुपये तक बिका।
-------
सहरी-इफ्तार
पहला रोजा -इफ्तार
सुन्नी-6.35 बजे शाम
शिया-6.45 बजे शाम
दूसरा रोजा-सहरी
सुन्नी- 4.17 बजे सुबह
शिया- 4.11 बजे सुबह
----------
सिर्फ पांच लोगों को मस्जिद में इबादत की इजाजत
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रशासन ने मस्जिदों में केवल पांच लोगों को नमाज पढ़ने की अनुमति दी है। रात को प्रशासनिक अधिकारियों ने शहरकाजी हाफिज अब्दुल कुद्दूस हादी के साथ बैठक कर शासन की गाइडलाइन का हवाला दिया। कहा कि शासन स्तर पर धर्मस्थलों में सिर्फ पांच लोगों को प्रवेश की अनुमति दी गई है। शहरकाजी हाफिज अब्दुल कुद्दूस हादी ने अपील की है कि कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए घरों में ही इबादत करें। बडे हाल में सौ लोग और छोटे हाल में 50 लोग शारीरिक दूरी व मास्क लगाकर इबादत कर सकते हैं। मस्जिद अशरफाबाद जाजमऊ सहित कई मस्जिदों से घोषणा की गई की घरों में ही इबादत करें। मस्जिद अशरफाबाद के गेट पर ताला लगा दिया गया।