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Kisan Mahapanchayat में जाने से पूर्व बांदा में रुके राकेश टिकैत, बुंदेली किसानों की स्थिति पर जताई चिंता

Rakesh Tikait Kisan Mahapanchayat उत्तर प्रदेश के हमीरपुर स्थित मौदहा में आयोजित महापंचायत में जाने के पूर्व भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत बांदा में रुके। यहां उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों को किसान विरोधी बताया।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Sun, 12 Sep 2021 03:19 PM (IST)Updated: Sun, 12 Sep 2021 03:19 PM (IST)
सिविल लाइन स्थित गेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते भाकियू राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत।

बांदा, जेएनएन। Rakesh Tikait Kisan Mahapanchayat बुंदेलखंड के हमीरपुर में महापंचायत करने के लिए जा रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत [Rakesh Tikait] बांदा भी पहुंचे। वे यहां संपर्क क्रांति ट्रेन से आए थे और उन्होंने शहर के सिविल लाइन स्थित एक गेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत की। यहां पर टिकैत ने सरकार की कृषि नीतियों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड में किसानों को सरकार से न्याय दिलाया जाएगा। सरकार बड़े गोदाम बनाकर रोटी को तिजोरी में बंद करना चाहती है। रोटी जरूरत की चीज है, बाजार की चीज नहीं है। इसलिए हमने यहां के किसान भाइयों को न्याय दिलाने की शुरुआत यहां भी की है। इतना कहने के बाद राकेश टिकैत मौदहा (हमीरपुर) में जनसभा करने के लिए काफिले के साथ रवाना हो गए।

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किसानों के साथ न्याय को कर रहे आंदोलन: राकेश टिकैत ने कहा कि बुंदेलखंड का किसान बेहद मेहनती है, लेकिन उसके साथ न्याय नहीं हो पा रहा है। फसलों का उचित मूल्य न मिलने से किसान कर्ज में डूबा है और आत्महत्या को मजबूर है। कृषि बिल विरोधी आंदोलन पिछले दस माह निरंतर चल रहा है, ताकि देश के किसानों को फसलों का लाभकारी मूल्य मिले। भारत सरकार ने जो फसलों का समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय किया है, उसकी गारंटी मिले, चाहे सरकार खरीदे या व्यापारी।

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सरकार ने नहीं निभाया वादा: भाकियू राष्ट्रीय प्रवक्ता ने बांदा में कहा कि सरकार ने चुनाव से पहले वादा किया था कि स्वामीनाथन कमेटी वाला मूल्य देंगे, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। जो रेट तय किया उसकी गारंटी नहीं देते हैं। बुंदेलखंड में किसानों की उपज बिचौलिए सस्ते में  खरीदते हैं। बड़ा व्यापारी सस्ते में खरीदकर उसे एमएसपी पर बेचता है। यह बड़ा घोटाला है। बेसहारा गोवंशों को लेकर यहां बड़ी समस्या है। कर्ज से किसान आत्महत्या करता है। व्यापारी व छोटे दुकानदारों की हालात खराब है। बाजार कमजोर होगा तो व्यापारी भी कमजोर होगा। कीमतें सही मिलेंगी तो सभी वर्ग मजबूत होंगे। 

निजीकरण से बढ़ेगी बेरोजगारी: टिकैत ने महापंचायत में जाने से पहले कहा कि हमने सरकार से कृषि बिल विरोधी कानूनों को वापस लेने की और एमएसपी पर गारंटी देने की मांग की है। जिस तरह से भारत सरकार पूरे संसाधन बेच रही है, इसका असर जनता पर पड़ेगा। निजीकरण होगा तो बेरोजगारी फैलेगी और बाजारीकरण से बेरोजगारी बढ़ेगी। कहा कि क्या घोषणा पत्र में मोदी सरकार ने कहा था कि रेलवे को प्राइवेट करूंगा। स्पेशल ट्रेन नाम देकर टिकट महंगे कर दिए। देश में बड़े संसाधन हैं, एयरपोर्ट, एलआइसी, भारत पेट्रोलियम आदि बिक रहे हैं। देश को बड़ी कंपनियों के हवाले जा रहा है। यह सब रोकने के लिए नौजवानों को सामने आना पड़ेगा। 


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