दिसंबर से मिल सकती है जनरल टिकट पर यात्रा की अनुमति, रेलवे कर रहा है तैयारी
सिटी साइड में स्थित टिकट घर में जनरल टिकट के लिए दैनिक यात्रियों की लंबी लाइनों को देखते हुए सेंट्रल स्टेशन के सिटी साइड पर नौ और कैंट साइट में दो एटीएम मशीनें लगायी थीं। एक दर्जन लोगों को जनरल टिकट के लिए रेलवे ने लाइसेंस दिए
कानपुर, जेएनएन। ट्रेनों में सफर करना है तो टिकट आरक्षित कराना पड़ेगा जबकि जनरल टिकट पर यात्रा लॉकडाउन के बाद से बंद है। ऐसे में जनरल टिकट बिक्री न होने का असर जहां टिकट वेंडर्स पर पड़ रहा है। उपर दिए दो मामले इसकी बानगी हैं। वहीं जनरल टिकट के लिए लगायी गईं एटीएम (ऑटोमेटिक टिकट मशीन) भी बेकार हो रही हैं। बहरहाल अब एक बार फिर जनरल टिकट पर यात्रा की चर्चा शुरू हुई है। जिसके बाद ई-टिकट वेंडर्स में फिर से दुकानें खोलने की उम्मीद बढ़ गई है।
रेलवे के कैंट और सिटी साइड में स्थित टिकट घर में जनरल टिकट के लिए दैनिक यात्रियों की लंबी लाइनों को देखते हुए सेंट्रल स्टेशन के सिटी साइड पर नौ और कैंट साइट में दो एटीएम मशीनें लगायी थीं। इसके साथ दोनों साइट पर करीब एक दर्जन लोगों को जनरल टिकट के लिए रेलवे ने लाइसेंस दिए थे। शहर भर में 100 से ज्यादा ई-टिकट वेंडर्स को लाइसेंस दिए गए।
सिटी साइट के ई-टिकट वेंडर्स बताते हैं कि प्रतिदिन सात से आठ सौ जनरल टिकट की बिक्री हो जाती थी। प्रति टिकट दो रुपये का कमीशन रेलवे से मिलता था। इस काम में कई लोगों को रोजगार भी मिला। 25 मार्च 2020 को लॉकडाउन होने से पहले तक सब कुछ ठीक चल रहा था। लॉकडाउन के बाद ट्रेनें बंद हो गईं। अब जो ट्रेनें चल रही हैं उसमें भी आरक्षित टिकट से ही यात्रा की जा सकती है।
दिसंबर तक कोरोना की दस करोड़ वैक्सीन की खेप भारत को मिलने की खबरों के बाद अब रेलवे में भी जनरल टिकट पर यात्रा की बात शुरू हो गई है। दरअसल ट्रेनों पर दैनिक यात्रियों का लोड सबसे अधिक रहता है। ऐसे में जनरल टिकट पर यात्रा शुरू न होने से दैनिक यात्री बहुत परेशान हैं। सूत्र बताते हैं कि रेलवे बोर्ड इस प्रस्ताव पर जल्द ही विचार कर सकता है। दिसंबर में दैनिक यात्रियों की समस्या को देखते हुए रेलवे बोर्ड जनरल टिकट पर यात्रा की अनुमति दे सकता है। इसके साथ ही लोकल ट्रेनों को भी चलाने की अनुमति मिल सकती है।
पड़ताल एक : सिटी साइट के ई-टिकट वेंडर जसबीर सिंह के यहां तीन कर्मचारियों का स्टाफ था जिसे प्रतिमाह 21 हजार रुपये का वेतन देते थे। लॉक डाउन के बाद जनरल टिकट पर निर्णय न होने से कर्मचारी हटा दिए और लाइसेंस सरेंडर कर दिया। वह कहते हैं कि वेतन का पैसा जेब से जा रहा था इसलिए सरेंडर किया। जनरल टिकट शुरू हुए तो लाइसेंस फिर लेंगे क्योंकि तीन लोगों का रोजगार जुड़ा है।
पड़ताल दो : सेंट्रल स्टेशन के सिटी साइट पर ही नितिन जायसवाल भी ई-टिकट घर चलाते हैं। लॉकडाउन से पहले सब ठीक चल रहा था लेकिन अब कुछ ठीक नहीं है। कर्मचारियों को वेतन पहले दो माह तो अपनी जेब से दिया लेकिन आय पूरी तरह से बंद होने से कर्मचारियों को हटाना पड़ा। दीपावली के बाद जनरल टिकट पर यात्रा शुरू होने की चर्चा से अब उम्मीद बढ़ी है।