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रेलवे अब कोहरे की काट पता करने के लिए इंजीनियरों को भेजेगा रूस और फ्रांस Kanpur News

केवल फॉग सेफ डिवाइस के सहारे ट्रेनें नहीं चल पा रही हैं।

By AbhishekEdited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 04:22 PM (IST)Updated: Sat, 16 Nov 2019 04:22 PM (IST)
रेलवे अब कोहरे की काट पता करने के लिए इंजीनियरों को भेजेगा रूस और फ्रांस Kanpur News
रेलवे अब कोहरे की काट पता करने के लिए इंजीनियरों को भेजेगा रूस और फ्रांस Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। ठंड के मौसम में ट्रेनों की लेटलतीफी कम करने के लिए रेलवे के इंजीनियर अब रूस और फ्रांस जैसे देशों में जाएंगे। इन देशों में कोहरे में ट्रेन दौड़ाने की तकनीक के बारे में पता करेंगे ताकि आने वाले समय में कोहरे की मार से देश में ट्रेनें प्रभावित नहीं हों। वहां की तकनीक से जुड़े सभी पहलुओं को रेलवे अफसर समझेंगे।

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मौजूदा प्रणाली से लेट होती ट्रेनें

रेलवे में पहले कोहरे के समय डेटोनेटर प्रणाली से पटाखे फोड़कर ट्रेनों को स्टेशन की राह दिखाई जाती थी मगर, यह प्रणाली बहुत अधिक विश्वसनीय नहीं थी। इधर तीन-चार सालों से रेलवे जीपीएस से लैस फॉग सेफ डिवाइस के माध्यम से कोहरे से लड़ रहा है। इस डिवाइस में किलोमीटर वार सभी डिटेल्स फीड कर दी जाती हैं। इसमें ट्रेन चलने के बाद सिग्नल, क्रासिंग और स्टेशन आदि की दूरी फीड कर दी जाती है और जैसे ही ट्रेन लोकेशन से 500 मीटर पहले पहुंचती हैं, डिवाइस लोको पायलट को अलर्ट कर देती है। हालांकि तीन से चार किलो वजनी इस डिवाइस को ढोने के लिए लोको पायलट तैयार नहीं है। वहीं, खुद रेलवे भी इसे अचूक नहीं मानता। इसमें ट्रेन की गति भी घटाकर 75 किमी प्रतिघंटा कर दी जाती है, जिससे ट्रेनें लेट होती हैं। इसके अलावा बड़े पैमाने में ट्रेन निरस्त किए जाने से यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

इंजन में दिखेंगे अगले पांच सिग्नल

मिशन एंटी फॉग प्रोजेक्ट से जुड़े रेलवे के एक इंजीनियर ने बताया कि रूस, जर्मनी, फ्रांस जैसे देशों में इंजन के अंदर ही ऐसा सिस्टम विकसित है कि अगले पांच सिग्नल उन्हें केबिन में ही दिखते हैं। इंजन केबिन में लाल, हरी या पीली लाइट जलने पर लोको पायलट बिना सिग्नल देखे आगे की यात्रा करता है। इसकी वजह से ही इन देशों में कोहरे का प्रभाव ट्रेनों पर नहीं पड़ता है। रेलवे ने इस तकनीक को भारत लाने पर काम शुरू कर दिया है। तकनीक की जानकारी के लिए इंजीनियरों को इन देशों में भेजा जा रहा है।

घने कोहरे में एंबर लाइट का ट्रायल बाकी

रिसर्च डिजाइनिंग एंड स्टैंडर्ड आर्गनाइजेशन (आरडीएसओ) लखनऊ ने साल 2017 में एक एलईडी लाइट तैयार की थी। लाल और पीले रंग के बीच वाले इस कलर को एंबर नाम दिया गया था। दावा था कि यह रंग कोहरे को दूर तक भेद सकता है। मगर, पिछले साल कोहरा कम पडऩे से अब तक इसका ट्रायल ठीक से नहीं हो सका। हालांकि पिछले साल कानपुर की दो ट्रेनों में इनका प्रयोग हुआ था और चालकों ने रोशनी बढऩे की रिपोर्ट दी थी, लेकिन घने कोहरे में अभी इनका ट्रायल बाकी है।


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