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Corona की तीसरी लहर से छात्रों को बचाएंगे मनोवैज्ञानिक व शिक्षक, विशेषज्ञों ने तैयार की ये तरकीब

वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक डा.एनसी गंगवार ने कोरोना वायरस को लेकर स्टडी की है। पहली और दूसरी लहर में वायरस के प्रभाव वायरस से बचाव समेत कई अन्य मुद्दों पर उन्होंने चिकित्सकों से संवाद कर जानकारी हासिल की। वह दूसरी लहर में खुद संक्रमित हुए

By Akash DwivediEdited By: Published: Mon, 28 Jun 2021 12:05 PM (IST)Updated: Mon, 28 Jun 2021 12:05 PM (IST)
Corona की तीसरी लहर से छात्रों को बचाएंगे मनोवैज्ञानिक व शिक्षक, विशेषज्ञों ने तैयार की ये तरकीब
एक जुलाई से चुन्नीगंज स्थित मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र से अभियान शुरू हो जाएगा

कानपुर, जेएनएन। कोरोना की तीसरी लहर को लेकर कुछ दिनों पहले ही चिकित्सा जगत के विशेषज्ञों ने एहतियात बरतने व बचाव संबंधी तैयारियां कर लेने के निर्देश दिए हैं। जिले में व आसपास के अन्य शहरों में छात्रों को इस तीसरी लहर से बचाने का फैसला मनोवैज्ञानिकों ने किया। शिक्षकों की मदद मनो वैज्ञानिक छात्रों तक हर वह जरूरी जानकारी पहुंचाएंगे, जो उन्हेंं संक्रमण से दूर रखेगी। मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र के प्रभारी डा.नरेश चंद्र गंगवार ने बताया कि एक जुलाई से चुन्नीगंज स्थित मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र से अभियान शुरू हो जाएगा।

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कोरोना वायरस को लेकर की है स्टडी : वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक डा.एनसी गंगवार ने कोरोना वायरस को लेकर स्टडी की है। पहली और दूसरी लहर में वायरस के प्रभाव, वायरस से बचाव समेत कई अन्य मुद्दों पर उन्होंने चिकित्सकों से संवाद कर जानकारी हासिल की। वह दूसरी लहर में खुद संक्रमित हुए, मगर सारी सावधानियों व जरूरी दवाओं का उपयोग कर खुद को ठीक कर लिया।

बीएसए व डीआइओएस से मिलकर बनाएंगे टीम : डा.गंगवार ने बताया कि इस अभियान के लिए बीएसए व डीआइओएस के साथ मिलकर टीम बनाएंगे। टीम के हर सदस्य को उसके आसपास क्षेत्र के 10 से 15 स्कूलों की जिम्मेदारी दी जाएगी। उन स्कूलों के छात्रों की समस्याओं को सुनना होगा और उन्हेंं मनोवैज्ञानिकों की टीम तक पहुंचाना होगा।

इन अहम बातों की दी जाएगी जानकारियां

  • अगर संभव हो तो प्राणायाम व अनुलोम-विलोम करें
  • छात्र नियमित तौर पर सुबह उठकर गुनगुना पानी पिएं
  • दोपहर में 12 बजे के बाद नींबू पानी पी सकते हैंएन-95 मास्क या थ्री लेयर वाला डबल मास्क जरूर पहनें
  • खांसी, जुकाम, बुखार समेत अन्य कोई लक्षण हो तो शिक्षक को बताएं
  • अपनी एक व्यवस्थित दिनचर्या बनाकर उसके मुताबिक हर काम करें
  • दिनभर में ठंडा पेय पदार्थ व ठंडी वस्तुओं के सेवन करने से बचें
  • छह से आठ घंटे की पर्याप्त नींद लें, नकारात्मक न सोचें

अधिक से अधिक छात्रों की करेंगे काउंसिलिंग : मनोवैज्ञानिकों की टीम अधिक से अधिक छात्रों की काउंसिलिंग भी करेगी। छात्रों को जो दिक्कतें महसूस हो रही हैं, उनका समाधान भी फौरन करेगी, जिससे वह मन लगाकर पढ़ाई कर सकें। 


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