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इलेक्ट्रानिक माध्यमों से करदाताओं की समस्याएं होंगी हल

फेसलेस असेसमेंट का मतलब करदाता पर और ज्यादा भरोसा और पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता का होना है। यह बात गुरुवार को पश्चिम उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त अजय दास मेहरोत्रा ने कही।

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Aug 2020 08:39 AM (IST)Updated: Fri, 28 Aug 2020 08:39 AM (IST)
इलेक्ट्रानिक माध्यमों से करदाताओं की समस्याएं होंगी हल
इलेक्ट्रानिक माध्यमों से करदाताओं की समस्याएं होंगी हल

जागरण संवाददाता, कानपुर : फेसलेस असेसमेंट का मतलब करदाता पर और ज्यादा भरोसा और पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता का होना है। यह बात गुरुवार को पश्चिम उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त अजय दास मेहरोत्रा ने कही। वह फेसलेस असेसमेंट के संबंध में आयोजित वेबिनॉर में करदाताओं को संबोधित कर रहे थे।

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सिविल लाइंस स्थित आयकर भवन से संचालित वेबिनॉर में उन्होंने कहा कि अब करदाताओं व अधिकारियों के बीच कोई मानवीय हस्तक्षेप नहीं रहेगा। सभी कार्य इलेक्ट्रानिक माध्यमों से होंगे केंद्रीयकृत इकाई इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से नोटिस जारी करेगी। रैंडम तरीके से कर निर्धारण इकाइयों को मामले दिए जाएंगे। करदाता और विभाग के बीच केंद्रीय इकाई ही एकमात्र मंच होगा। इस दौरान उपायुक्त प्रशासन वेद प्रकाश ने बताया कि करदाता पूरी जानकारी रखने व दायित्वों का पालन करने की अपेक्षा की जाती है।

इस मौके पर देहरादून के मुख्य आयकर आयुक्त विपिन बिहारी सिंह, प्रधान आयकर आयुक्त प्रथम डॉ. अमरवीर सिंह, अपर आयुक्त अमरेश कुमार तिवारी, कोठारी प्रोडक्ट्स के दीपक कोठारी, एमकेयू लिमिटेड के प्रबंध निदेशक नीरज गुप्ता, पीबी सोसाइटी के निदेशक महेश चंद्र जैन के अलावा अतुल मेहरा, डॉ. अतुल कपूर ने भी अपने विचार रखे। इस दौरान आयकर आयुक्त प्रशासन सीपी पाठक, अपर आयुक्त हरीश चंद्र, उपायुक्त सौरभ आनंद मौजूद रहे।

कानपुर की सात फर्मो के पैन नंबर मिले संदिग्ध : कानपुर नगर की सात और कानपुर देहात की एक फर्म के पैन नंबर वाणिज्य कर विभाग को संदिग्ध मिले हैं। इनके पैन नंबर पर ही दूसरे राज्यों तक में फर्जी फर्मो का पंजीयन कराया जा चुका है। वाणिज्य कर विभाग ने विभागीय वेबसाइट पर हॉट लिस्टेड पैन के शीर्षक में इन्हें जोड़ दिया है। सभी जोन को साफ कर दिया है कि अगर इन पैन नंबर से उनके यहां किसी फर्म का पंजीयन आए तो उसकी विशेष जांच की जाए। साथ ही किसी दूसरे राज्य में इस पैन से पंजीकृत फर्म द्वारा प्रदेश में माल भेजने पर जांच कर कानूनी कार्रवाई की जाए।

वाणिज्य कर की जांच में प्रदेश में बड़ी संख्या में ऐसे पैन नंबर सामने आए हैं, जिनका इस्तेमाल कर बोगस फर्म पंजीकृत कर ली गई हैं। मुख्यालय ने सभी जोन को अपने-अपने क्षेत्र में पंजीकृत फर्मो के नाम, जीएसटीएन नंबर भेज कर जांच और कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। कानपुर जोन को कानपुर नगर की सात और कानपुर देहात की एक फर्म का नाम भेजा गया है। इसमें पांच फर्म राज्य कर विभाग के अधीन हैं, वहीं तीन फर्मे केंद्रीय माल एवं सेवा कर विभाग के अधीन पंजीकृत हैं। वाणिज्य कर आयुक्त अमृता सोनी ने इन सभी की जांच कराने के निर्देश दिए हैं।


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