कानपुर देहात की माती जेल में कैदी ने लगाई फांसी, दुष्कर्म के मामले में मिला था 20 वर्ष का कारावास
बरौर अंगदपुर निवासी 27 वर्षीय आशीष कुमार शर्मा पर करीब दो वर्ष पूर्व एक किशोरी ने दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। डिप्टी जेलर राजेश राय ने बताया कि स्टोर रूम में पंखे के सहारे फांसी लगाई है। बीच मे एक माह के पैरोल पर वह बाहर गया था।
कानपुर देहात, जेएनएन। दुष्कर्म के आरोप में माती जेल में 20 वर्ष कारावास की सजा पाए कैदी ने कार्यालय के स्टोर रूम में फांसी लगा जान दे दी। कैदी जेल में रायटर का भी काम करता था।
बरौर अंगदपुर निवासी 27 वर्षीय आशीष कुमार शर्मा पर करीब दो वर्ष पूर्व एक किशोरी ने दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। मामले में उसे पॉक्सो कोर्ट से 20 वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई थी और वह अभी दिसंबर से जेल में बंद था। यहां उसे कार्यालय में रायटर का काम दिया गया था। रविवार सुबह 8:30 बजे करीब उसने कार्यलय के स्टोर रूम में अंगौछे के टुकड़े से फांसी लगाकर जान दे दी। जेलकर्मियों की जब नजर पड़ी तो होश उड़ गए। उसे जिला अस्पताल लाया गया लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। वह परिवार का इकलौता पुत्र था। पिता संदीप को सूचना दी गई तो घर मेशोक की लहर दौड़ गई। डिप्टी जेलर राजेश राय ने बताया कि स्टोर रूम में पंखे के सहारे फांसी लगाई है। बीच मे एक माह के पैरोल पर वह बाहर गया था। दुष्कर्म में उसे सजा मिली थी।
पैरोल पर बहन की शादी में हुआ था शामिल
बीते वर्ष मई में आशीष की बहन ज्योति की शादी थी। इसमें वह एक माह का पैरोल लेकर शामिल हुआ था। भाई कुलदीप व प्रदीप ने बताया कि भाई कहता था कि उसे गलत फंसाया गया है। व्यवहार उनका अच्छा था इसलिए बहन की शादी में जेल से भी कई लोग शामिल होने आए थे लेकिन ऐसा होगा कभी सोचा नहीं था।