अयोध्या में मंदिर निर्माण में सबसे पहले सोने की ईंट लगाएंगे बाबर के वंशज प्रिंस याकूब
समर्थकों के साथ अयोध्या जाने से पहले बहादुर शाह जफर के छठवें वंशज प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने कहा, जल्द से जल्द बने मंदिर सबसे पहले लगाऊंगा सोने की ईंट।
By AbhishekEdited By: Published: Sun, 14 Oct 2018 03:22 PM (IST)Updated: Sun, 14 Oct 2018 07:13 PM (IST)
कानपुर(जेएनएन)। अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण को लेकर धार्मिक और राजनीतिक गलियारों से रोजाना कोई न कोई बयान आ रहा है। अयोध्या में महंत परमहंस दास ने अनशन टूटने के बाद अब आत्महत्या तक की चेतावनी दे डाली है। इन सभी के बीच मुगल शासक रहे बाबर के वंशज ने भी अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण को लेकर अपनी बात रखी है।
बहादुर शाह जफर के छठवें वंशज प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने भगवान श्रीराम मंदिर के निर्माण की पहल करते हुए सबसे पहले सोने की ईंट लगाने की बात कही है। इटावा के वृंदावन गार्डन में समर्थकों के साथ अयोध्या जाने से पहले पत्रकारों से वार्ता में उन्होंने कहा कि वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने के लिए दो दिन गोरखपुर में रहे लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी। अयोध्या मुद्दे पर कोई विवाद नहीं है, राजनेता इस पर बेवजह राजनीति कर रहे हैं। वह राष्ट्रपति के पास जाकर अयोध्या में भगवान राम के मंदिर निर्माण की पैरवी करेंगे।
विवादित भूमि बाबर की बताई जा रही
प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन फाइल की थी लेकिन इसे विवादित ढांचा बताया गया है। वहां पर न मस्जिद का मसला है और न मंदिर का, वहां जमीन का मसला है। टाइटल शूट के अनुसार वह भूमि बाबर की बताई जा रही है। इसलिए इस मामले में उन्होंने राष्ट्रपति से मिलने के लिए समय मांगा है। राष्ट्रपति को यह अधिकार होता है कि न्यायालय में विचाराधीन मसले पर वह निर्देश दे सकते हैं।
उस जमीन के मालिक हम
प्रिंस ने कहा कि कोर्ट का कहना है कि पुराने पक्ष को सुनेंगे लेकिन सुन्नी वक्फ बोर्ड भूमि का मालिक नहीं बन सकता है। उस जमीन के मालिक हम हैं। हम राष्ट्रपति को लिखकर देंगे और एक पिटीशन भी फाइल करेंगे कि इस मुद्दे को जल्द से जल्द खत्म किया जाए। इस मुद्दे को पार्लियामेंट या सुप्रीम कोर्ट को स्थानांतरित किया जाए और जल्द मंदिर बनवाया जाए।
जल्द से जल्द खत्म हो मुद्दा ताकि भावी पीढ़ी में न पनपे नफरत
याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने संभावना जताई है कि जिस हल्के ढंग से मामले को लिया जा रहा है, उसे देखकर कहा जा सकता है कि 2019 के बाद 2024 में यह मुद्दा खत्म नहीं होगा। इससे हिंदू-मुसलमान की नई पीढ़ी के दिलों में नफरत पैदा होगी। इसलिए उनका मानना है कि यह मुद्दा जल्द से जल्द खत्म हो।
बहादुर शाह जफर के छठवें वंशज प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने भगवान श्रीराम मंदिर के निर्माण की पहल करते हुए सबसे पहले सोने की ईंट लगाने की बात कही है। इटावा के वृंदावन गार्डन में समर्थकों के साथ अयोध्या जाने से पहले पत्रकारों से वार्ता में उन्होंने कहा कि वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने के लिए दो दिन गोरखपुर में रहे लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी। अयोध्या मुद्दे पर कोई विवाद नहीं है, राजनेता इस पर बेवजह राजनीति कर रहे हैं। वह राष्ट्रपति के पास जाकर अयोध्या में भगवान राम के मंदिर निर्माण की पैरवी करेंगे।
विवादित भूमि बाबर की बताई जा रही
प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन फाइल की थी लेकिन इसे विवादित ढांचा बताया गया है। वहां पर न मस्जिद का मसला है और न मंदिर का, वहां जमीन का मसला है। टाइटल शूट के अनुसार वह भूमि बाबर की बताई जा रही है। इसलिए इस मामले में उन्होंने राष्ट्रपति से मिलने के लिए समय मांगा है। राष्ट्रपति को यह अधिकार होता है कि न्यायालय में विचाराधीन मसले पर वह निर्देश दे सकते हैं।
उस जमीन के मालिक हम
प्रिंस ने कहा कि कोर्ट का कहना है कि पुराने पक्ष को सुनेंगे लेकिन सुन्नी वक्फ बोर्ड भूमि का मालिक नहीं बन सकता है। उस जमीन के मालिक हम हैं। हम राष्ट्रपति को लिखकर देंगे और एक पिटीशन भी फाइल करेंगे कि इस मुद्दे को जल्द से जल्द खत्म किया जाए। इस मुद्दे को पार्लियामेंट या सुप्रीम कोर्ट को स्थानांतरित किया जाए और जल्द मंदिर बनवाया जाए।
जल्द से जल्द खत्म हो मुद्दा ताकि भावी पीढ़ी में न पनपे नफरत
याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने संभावना जताई है कि जिस हल्के ढंग से मामले को लिया जा रहा है, उसे देखकर कहा जा सकता है कि 2019 के बाद 2024 में यह मुद्दा खत्म नहीं होगा। इससे हिंदू-मुसलमान की नई पीढ़ी के दिलों में नफरत पैदा होगी। इसलिए उनका मानना है कि यह मुद्दा जल्द से जल्द खत्म हो।
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