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HBTU Kanpur: राष्ट्रपति ने किया स्मारक सिक्के का विमोचन, राज्यपाल ने भेंट की इतिहास पुस्तक की प्रथम प्रति

राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द बतौर मुख्य अतिथि शताब्दी समारोह का शुभारंभ करेंगे। स्मारक सिक्के डाक टिकट का अनावरण कर संस्थान के सौ वर्षों की उपलब्धियों को संरक्षित करके बनवाए गए 400 किलो के टाइम कैप्सूल शताब्दी स्तंभ शताब्दी द्वार व आठ नए भवनों का लोकार्पण रिमोट का बटन दबाकर करेंगे।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 25 Nov 2021 10:18 AM (IST)Updated: Thu, 25 Nov 2021 10:26 AM (IST)
HBTU Kanpur: राष्ट्रपति ने किया स्मारक सिक्के का विमोचन, राज्यपाल ने भेंट की इतिहास पुस्तक की प्रथम प्रति
राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द बतौर मुख्य अतिथि शताब्दी समारोह का शुभारंभ करेंगे

कानपुर, जागरण संवाददाता। हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय (एचबीटीयू) की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर आयोजित शताब्दी समारोह का गुरुवार सुबह राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने शुभारंभ किया। उन्होंने विश्वविद्यालय की उत्तरोत्तर प्रगति में सक्रिय भूमिका निभाने वाले पूर्व छात्रों, शिक्षकों, निदेशको और कुलपतियों का आभार भी जताया और कामना की कि आजादी के सौ साल पूरे होने पर वर्ष 2047 तक विश्वविद्यालय एनआईआरएफ रैंकिंग में शीर्ष 25 विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल हो।

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राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द गुरुवार सुबह निर्धारित समय 11 बजे से 35 मिनट से पहले ही एचबीटीयू के पश्चिमी कैंपस स्थित मल्टीपरपज हॉल में पहुंच गए। उन्होंने वहां मौजूद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, प्राविधिक शिक्षा मंत्री जितिन प्रसाद और कुलपति प्रोफेसर समशेर से वार्ता की। इसके बाद करीब 11 बजे वह मंच पर पहुंचे तो छात्राओं ने राष्ट्रगान प्रस्तुत किया। राष्ट्रपति, राज्यपाल व मंत्रियों ने दीप प्रज्जवलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। छात्राओं ने विवि का कुलगीत वर दे वीणा पाणी शारदे... प्रस्तुत किया। कुलपति प्रो समशेर ने संस्थान की रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि संस्थान में बीटेक के 13 एमटेक के नौ कोर्स के साथ ही पीएचडी के शोध कार्य कराए जा रहे हैं। इस वर्ष एमबीए व भौतिकी और गणित में एमएससी कोर्स भी शुरू किया गया है। संस्थान में 3400 विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं। इस वर्ष 100 विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन भी विभिन्न संकायों में कराया गया है। विश्वविद्यालय की एलुमनाई एसोसिएशन से करीब 5000 पूर्व छात्र-छात्राएं जुड़े हुए हैं, जो विभिन्न तरीकों से संस्थान को सहयोग कर रहे हैं। हाल ही में एक पूर्व छात्र एके दत्ता ने संस्थान में रिसर्च लैब भी बनवाई है।

कुलपति ने राष्ट्रपति राज्यपाल व दोनों मंत्रियों को पुस्तक अंग वस्त्र व प्रतीक चिन्ह देकर स्वागत किया। राज्यपाल ने कॉफी टेबल बुक का इतिहास पुस्तिका का विमोचन करके प्रथम प्रति राष्ट्रपति को भेंट की। राष्ट्रपति ने डाक विभाग की ओर से जारी एचबीटीयू की डाक टिकट विशेष आवरण का विमोचन किया। साथ ही स्मारक सिक्के का अनावरण और विश्वविद्यालय में नवनिर्मित शताब्दी भवन, शताब्दी द्वार, शताब्दी स्तंभ, टाइम कैप्सूल, 32 सीटर छात्रावास, 200 सीटर छात्रावास की नवनिर्मित मेस, लेक्चर हॉल, सभागार, कुलपति आवास समेत आठ भवनों का लोकार्पण रिमोट का बटन दबाकर किया।

प्राविधिक शिक्षा मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि एचबीटीयू देश का अग्रणी विश्वविद्यालय है जहां भारत सरकार की नई शिक्षा नीति के अनुसार अध्यापन का कार्य कराया जा रहा है यहां के पूर्व छात्र भी अध्ययनरत छात्रों को हर तरह से मदद कर रहे हैं। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि एचबीटीयू देश के नवनिर्माण और छात्रों के सर्वांगीण विकास की दिशा में कार्य कर रहा है जिला एक उत्पाद की केंद्र सरकार की योजना के अनुरूप उद्यमिता विकास के गुर सिखा रहा है। उन्होंने उच्च शिक्षा के साथ ही प्राथमिक शिक्षा पर भी जोर देते हुए कहा कि प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय के स्तर पर ही छात्रों को तकनीकी और अभियांत्रिकी का ज्ञान भी आ जाना आज के युग की जरूरत है लिहाजा इस दिशा में भी सबको मिलकर प्रयास करना चाहिए।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द दो दिन के कानपुर के दौरे पर हैं। बुधवार को उन्होंने कानपुर में मेहरबान सिंह का पुरवा स्थित चौधरी हरमोहन सिंह पैरामेडिकल साइंस एंड नर्सिंग संस्थान में स्वर्गीय चौधरी हरमोहन सिंह यादव के जन्म शताब्दी समारोह को संबोधित करने के साथ ही सर्किट हाउस में कानपुर में अपने पुराने मित्रों तथा रिश्तेदारों से भेंट कर उनसे पुरानी यादों को साझा किया।

हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय (एचबीटीयू) कहलाने वाले संस्थान की स्थापना गवर्नमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट के रूप में 25 नवंबर 1921 को हुई थी। इसके बाद में यह 1921 में गवर्नमेंट टेक्निकल इंस्टीट्यूट फिर विश्वविद्यालय बना। 1926 में यह हरकोर्ट बटलर टेक्नोलाजिकल इंस्टीट्यूट बना और 2016 से विश्वविद्यालय है।


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