President in Kanpur: मित्रों से मिलकर राष्ट्रपति ने यादों को किया ताजा, यहां पढ़ें साथियों के साथ संवाद
President Ram Nath Kovind in Kanpur राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द बुधवार को कानपुर दौरे पर थे। यहां उन्होंने अपने मित्रों से मिलने के बाद वे पुराने दिनों में खो गए। इस दाैरान उनसे मिलने कानपुर के कई लोग पहुंचे थे।
कानपुर, जागरण संवाददाता। President Ram Nath Kovind in Kanpur ...और डाक्टर कैसे हो, आओ बैठो, स्वास्थ्य कैसा है। सेहत का ध्यान रखना। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने सर्किट हाउस में एलएलआर अस्पताल के पूर्व सीएमएस डा. पीएन वाजपेयी को जब आओ डाक्टर कहकर पुकारा तो उन्हें पुराने दिन याद आ गए और फिर करीब दस मिनट तक दोनों ने बातें कीं। राष्ट्रपति ने उनके साथ फोटो खिंचाई और घर परिवार का हाल जाना। डा. वाजपेयी ने भी उन्हें अपनी सेहत का ख्याल रखने की सलाह दी। इसके बाद एक के बाद एक लोग राष्ट्रपति से मिले। उन्होंने अपनी सेहत के बारे में बताया और उनसे उनके परिवार के बारे में जाना। राष्ट्रपति से मिलने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारी भी पहुंचे और शहर के औद्योगिक स्वरूप को वापस दिलाने का आग्रह किया। राष्ट्रपति के भांजे रामशंकर कोविन्द ने उन्हें बेटे की शादी का निमंत्रण दिया। उनके बेटे की शादी 13 दिसंबर को है। उन्होंने कहा कि प्रोटोकाल के कारण आप तो नहीं आ सकते, लेकिन बच्चों को जरूर भेजिएगा। राष्ट्रपति ने भी हामी भरी।
मैंने सोचा नहीं था कि राष्ट्रपति बनूंगा: भाजपा नेता आनंद राजपाल ने अपनी पार्षद बेटी विधि राजपाल, सीताराम खत्री, सरदार जसवंत सिंह के साथ मुलाकात की। राष्ट्रपति ने वासुदेव वासवानी के साथ बिताए पलों को याद किया। कहा कि उनकी आटा चक्की पर बैठता था। उनसे काफी कुछ सीखा। आज वे हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें हमारे पास हैं। आनंद राजपाल ने बताया कि राष्ट्रपति ने बेटी को समाजसेवा की सीख दी। कहा कि मैने सोचा नहीं था कि मैं राष्ट्रपति बनूंगा, लेकिन बन गया। राजनीति में समाजसेवा के भाव से काम करना चाहिए। उन्होंने 1998 में सिंधी समाज के प्रतिनिधिमंडल के साथ लद्दाख दौरे की यादों को भी ताजा किया। कहा कि जब हम लद्दाख गए थे तो कितना आनंद आया था। विधि राजपाल ने नवजात बच्चों को लगने वाले इंसुलिन की व्यवस्था कराने का आग्रह किया।
समाज से जो लिया वह वापस भी करें: लखनऊ में एक कंपनी में जनरल मैनेजर के पद पर तैनात अनुराग मिश्रा ने राष्ट्रपति को अपनी पुस्तक लफंगे सौंपी। राष्ट्रपति ने उन्हें सामाजिक सरोकारों पर किताब लिखने के लिए प्रेरित किया। कहा कि समाज से जो लिया है उसे वापस भी करें। अपने सामथ्र्य के अनुसार लोगों की सेवा और सहायता जरूर करें। आप आज हमसे मिले तो इसमें आपके वाहन चालक का बहुत बड़ा योगदान है क्योंकि आपको यहां ले आया और अब वापस ले जाएगा। इसलिए इसने जो दिया है उसे भी वापस करना है। अनुराग ने बताया कि छह माह पहले उन्होंने राष्ट्रपति से मिलने का आग्रह किया था। जब उनके पास सर्किट हाउस आने का फोन आया तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। राष्ट्रपति ने अभिभावक की तरह समझाया।
राष्ट्रपति जी असलहा लाइसेंस बनवा दीजिए: कानपुर देहात के परौंख गांव के रहने वाले भगवान दास अब इटावा के जसवंत नगर में रहते हैं। भगवान दास ने बताया कि राष्ट्रपति से उन्होंने मिलकर असलहा लाइसेंस बनवाने का आग्रह किया। राष्ट्रपति ने घर परिवार के बारे में पूछा। बच्चों का हालचाल लिया। मैंने भी उनका हालचाल पूछा। इसके बाद उन्हें बताया कि पिस्टल खरीदने के लिए लाइसेंस के लिए आवेदन कर रखा है। फाइल तैयार है सिफारिश कर देंगे तो अच्छा होगा। राष्ट्रपति ने इच्छा पूरी करने का आश्वासन दिया।
मत्थू बाबू कैसे हैं, आइए फोटो खिंचवा लें: कल्याणपुर निवासी प्रताप नारायण दीक्षित ने अपने भांजे अविनाश कुमार, सहयोगी प्रवीन दीक्षित और सुधीर जायसवाल के साथ राष्ट्रपति से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि जैसे ही कमरे में प्रवेश किया राष्ट्रपति ने तुरंत कहा मत्थू बाबू कैसे हैं। आइए पहले फोटो ङ्क्षखचवा लें और फिर बातें करेंगे। फोटो ङ्क्षखची और फिर जब हम बैठे तो उन्होंने साथ बिताए पलों को याद किया। अविनाश के भाई की कोरोना से मृत्यु पर शोक जताया और कहा कि कोरोना से बचाव के लिए एहतियात बरतें। प्रताप नारायण ने बताया कि राष्ट्रपति उनके यहां वर्षों तक किराए पर रहे थे। इसलिए वर्षों बिताए दिनों की कई बातें हुईं। राष्ट्रपति से मिलकर अच्छा लगा। राष्ट्रपति ने दिल्ली बुलाया है।
कानपुर में होना चाहिए औद्योगिक विकास: आरएसएस के क्षेत्र संघ चालक वीरेंद्र जीत सिंह, प्रांत संघचालक ज्ञानेंद्र सचान, विभाग संघचालक डा. श्याम बाबू गुप्ता और प्रांत सहकार्यवाह भवानी भीख ने भी राष्ट्रपति से मुलाकात की। संघ पदाधिकारियों ने उन्हें शहर के विकास के बारे में बताया। शहर के औद्योगिक विकास के लिए विशेष प्रयास का आग्रह किया। डा. श्याम बाबू गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रपति से कहा कि शहर के युवा पढ़ लिखकर विदेशों या मुंबई, दिल्ली, पुणे आदि शहरों में नौकरी करने जाते हैं। ऐसे में मां बाप अकेले हो जाते हैं और फिर अवसादग्रस्त हो जाते हैं। शहर में औद्योगिक विकास होगा तो युवाओं को बाहर नहीं जाना होगा। राष्ट्रपति ने उनके सुझाव पर सहमति जताई। उन्होंने वीएसएसडी कालेज के शताब्दी वर्ष को लेकर आयोजित कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया। उन्हें बताया कि तिथि अभी तय नहीं हुई है।