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कानपुर: टाइम कैप्सूल में सुरक्षित होगा HBTU का इतिहास, राष्ट्रपति रिमोट का बटन दबाकर करेंगे जमींदोज

एचबीटीयू का सौ वर्षों का इतिहास और उपलब्धियां भी एक कैप्सूल के रूप में शताब्दी स्तंभ में सुरक्षित की जाएंगी। पनकी की फैक्ट्री ने यह कैप्सूल बनाया है। जिसे राष्ट्रपति रिमोट का बटन दबाकर जमींदोज करंगे।एचबीटीयू के सौ वर्ष पूरे होने पर बनाया जा रहा शताब्दी स्तंभ।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Mon, 22 Nov 2021 08:08 AM (IST)Updated: Mon, 22 Nov 2021 08:08 AM (IST)
कानपुर: टाइम कैप्सूल में सुरक्षित होगा HBTU का इतिहास, राष्ट्रपति रिमोट का बटन दबाकर करेंगे जमींदोज
एचबीटीयू के सौ वर्ष पूरे होने पर बनाया जा रहा शताब्दी स्तंभ।

कानपुर, जागरण संवाददाता। आइआइटी कानपुर की तर्ज पर एचबीटीयू का सौ वर्षों का इतिहास और उपलब्धियां भी एक कैप्सूल के रूप में शताब्दी स्तंभ में सुरक्षित की जाएंगी। इसके लिए 400 किलो गनमेटल का कैप्सूल बनवाया गया है। रविवार को यह कैप्सूल संस्थान में पहुंचा तो तमाम छात्र व शिक्षक उसे देखने पहुंचे। 

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हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विवि (एचबीटीयू) के सौ वर्ष 25 नवंबर को पूरे हो रहे हैं। इस दिन संस्थान के पश्चिमी कैंपस में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द मुख्य अतिथि होंगे। सौ वर्ष पूरे होने पर पश्चिमी कैंपस में शताब्दी द्वार और पूर्वी मुख्य कैंपस में शताब्दी स्तंभ बनवाया गया है। इस स्तंभ के केंद्र में जमीन के भीतर 10 मीटर गहराई तक पाइप डाला गया है। इस पाइप के भीतर ही कैप्सूल डाला जाएगा।

इस कैप्सूल के इनर सेल में संस्थान के 100 वर्षों का इतिहास, उपलब्धियों, शोधकार्यों और क्रियाकलापों ब्योरा पेन ड्राइव, सीडी या अन्य किसी फार्मेट में रखा जाएगा। कुलसचिव नीरज सिंह ने बताया कि कैप्सूल का पूरा वजन करीब 400 किलोग्राम है। इसमें से बाहरी सेल का वजन 300 किलो व इनर सेल का वजन 100 किलो है। इनर सेल में संस्थान की उपलब्धियों का ब्योरा रखा जाएगा और उसे सील करके आउटरसेल के अंदर पैक किया जाएगा। इसके बाद आउटर सेल को सील करके पाइप के भीतर उतारा जाएगा। राष्ट्रपति खुद रिमोट का बटन दबाकर इस कैप्सूल को शताब्दी स्तंभ में उतारकर सुरक्षित करेंगे। 

नाइट्रोजन भरकर सील किया जाएगा कैप्सूल का इनर सेल

पनकी इंडस्ट्रियल एरिया स्थित मेक-मेट इंटरप्राइजेज कंपनी की ओर से गनमेटल का यह कैप्सूल तैयार किया गया है। इस कैप्सूल के इनर सेल में संस्थान की उपलब्धियों का ब्योरा रखने के बाद उसमें नाइट्रोजन गैस भरी जाएगी। इसके बाद इनर सेल को पूरी तरह सील कर दिया जाएगा। नाइट्रोजन गैस भरी होने से अंदर रखी वस्तु वर्षों तक सुरक्षित रहेगी। कुलसचिव ने बताया कि गन मेटल कापर, टिन व ङ्क्षजक के मिश्रण से बनता है। भूमि के भीतर सैकड़ों वर्षों तक दबे रहने के बाद भी यह सुरक्षित रहेगा। 

राष्ट्रपति के आने के दौरान साफ रहेगा मौसम

राष्ट्रपति के आगमन के दौरान शहर का मौसम साफ रहेगा। दिन में धूप भी खिलेगी और आसमान पर बादल नहीं होंगे। हालांकि सुबह हल्की धुंध या कोहरा होने की संभावना है। सीएसए विवि के मौसम वैज्ञानिक डा. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि राष्ट्रपति के आगमन के दौरान शहर के मौसम के बारे में पूर्वानुमान जिला प्रशासन को भेज दिया गया है। 24 व 25 नवंबर को मौसम साफ रहेगा। हालांकि उत्तर पश्चिम हवाओं के कारण रात का तापमान गिर सकता है, इससे सुबह हल्की धुंध हो सकती है। 


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