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Police Team Attacked in Kanpur : पुलिस से पहले तैयार था हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे, तीन तरफ से हमला

Eight Police Personal Martyr in Kanpur हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के खिलाफ राहुल तिवारी ने अपहरण तथा हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कराया था।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 12:58 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2020 09:19 AM (IST)
Police Team Attacked in Kanpur : पुलिस से पहले तैयार था हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे, तीन तरफ से हमला
Police Team Attacked in Kanpur : पुलिस से पहले तैयार था हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे, तीन तरफ से हमला

कानपुर, जेएनएन। कानपुर में अपहरण और हत्या के प्रयास के मामले में 25 हजार के इनामी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने के लिए गई पुलिस की टीम के आने की जानकारी उसे पहले से ही लग गई थी। उसने पुलिस टीम को घेरने की पहले से ही तैयारी कर ली थी। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पुलिस की तीन टीमों को तीन तरफ से घेरकर बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इस दौरान एक डिप्टी एसपी के साथ तीन दारोगा और चार सिपाही शहीद हो गए। सात घायलों में से चार की हालत गंभीर है।

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कानपुर के ही राहुल तिवारी नाम के व्यक्ति ने इसके खिलाफ एक मामला दर्ज कराया था। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के खिलाफ राहुल तिवारी ने अपहरण तथा हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कराया था। इस केस दर्ज होने के 24 घंटा बाद ही पुलिस की टीम ने विकास दुबे पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली। तीन थाना की फोर्स के साथ सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्र ने बीती देर रात विकास दुबे के घर पर दबिश दी। कानपुर के सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में बिठूर, चौबेपुर, शिवराजपुर थानों की संयुक्त पुलिस टीमें अपराधी विकास दुबे को पकड़ने के लिए उसके गांव विकरु पहुची और घेराबंदी करते हुए बदमाश की गिरफ्तारी के लिए जाल बिछाया। इस बीच पुलिस के गांव में आने की भनक अपराधियों को लग गई।

जिस तरह से गांव के रास्ते पर एक जेसीबी मशीन को खड़ा किया गया था कि कोई भी गांव के अंदर वाहन लेकर दाखिल ना हो सके। उससे साफ है कि बदमाशों को पुलिस की आमद के बारे में जानकारी पहले ही मिल चुकी थी। डीएसपी मिश्रा ने अपने सहकर्मियों के साथ वाहनों से उतरकर पैदल ही गांव में दाखिल होने का फैसला किया। जैसे ही पुलिसवाले वाहनों से बाहर निकले। अचानक उन पर गोलियां बरसने लगी। पुलिसवाले संभल भी नहीं पाए कि तीन दिशाओं से उन पर फायरिंग होने लगी।

पुलिस रेड की मुखबिरी हुई

घटनाक्रम में पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कैसे पहले से ही विकास दुबे को पुलिस की दबिश की सूचना मिल गई। पूरा घटनाक्रम इस ओर इशारा कर रहा है कि जैसे विकास दुबे को पुलिस की दबिश की पूरी जानकारी थी। उसने किसी भी हद तक जाने की तैयारी कर रखी थी। देर रात जब पुलिस की टीमें उसके घर पहुंच गईं और उसके बचने का कोई रास्ता न निकला तो उसने जघन्य हत्याकांड को अंजाम दे दिया। सड़क पर रास्ता रोककर लगाई गई जेसीबी भी रेड की पूर्व सूचना होने की तस्दीक कर रही है।

हमले के लिए पहले से तैयार था विकास दुबे 

कानपुर जिले के चौबेपुर थाना में विकास दुबे के गांव विकरु में बदमाशों ने पुलिस टीम पर हमले की पहले से तैयारी कर रखी थी। सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में बिठूर, चौबेपुर, शिवराजपुर थानों की संयुक्त पुलिस टीमें विकास दुबे को पकड़ने के लिए उसके गांव पहुंची और घेराबंदी करते हुए बदमाश की गिरफ्तारी के लिए जाल बिछाया, इससे पहले ही बदमाशों ने सड़क पर जेसीबी मशीन लगाकर रास्ता रोका दिया था। पुलिस की टीमें जैसे ही गाड़ियों से बाहर निकलीं, तीन तरफ छतों से उनके ऊपर ताबड़तोड़ फायरिंग होने लगी। 

आसपास के मकानों से भी फायरिंग

विकास दुबे के मकान के आसपास के मकानों से भी फायरिंग की गई। यह अभी तक साफ नहीं हो सका है कि फायरिंग करने वाले कितने लोग थे। जांच की जा रही है।

पुलिस टीम पर एके-47 से फायरिंग

माना जा रहा है कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को दबिश की जानकारी मिल गयी थी और वह अपनी टीम के साथ घात लगाए बैठा था। जैसे ही पुलिस क्षेत्र में घुसी, उनपर अंधाधुंध फायरिंग कर दी गयी। देखते ही देखते पुलिसकर्मियों की लाशें बिछ गयीं। जिस तरीके से बदमाशों ने पुलिस पर हमला किया, उससे इस बात का पता चलता है कि बदमाशों को पुलिस दबिश की सूचना थी। बदमाशों ने पहले ही जेसीबी लगाकर गांव के बाहर पुलिस की गाड़ी को रोक दिया। जब पुलिसकर्मी गाड़ी से बाहर निकलकर गांव की तरफ बढ़े तो पहले से घात लगाए बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी। यह फायरिंग स्प्रिंगफील्ड राइफलों के साथ अन्य अत्याधुनिक असलहों से की गई थी। मौके से एके-47 के खोखे बरामद होने की बात सामने आ रही है। पुलिस अधिकारी भी बदमाशों द्वारा सेमी ऑटोमैटिक वेपन के इस्तेमाल की संभावना जता रहे हैं। डीजीपी ने कहा कि फोरेंसिंक जांच के बाद ही इस पर कुछ कहा जा सकता है। ऐसा लग रहा है कि फायरिंग में सोफिस्टिकेटेड वेपन का इस्तेमाल किया गया।

विकास दुबे के साथ ही उसके गैंग ने छत से पुलिस पर अंधाधुंध फायरिंग की। पुलिसकर्मियों को समझने तक का मौका नहीं मिला कि आखिर हुआ क्या। तीन ओर से बदमाशों ने पुलिस को घेर रखा था और फायरिंग कर रहे थे। बदमाशों की फायरिंग में सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा समेत तीन सब इंस्पेक्टर और चार सिपाही शहीद हो गए। इस पूरे ऑपरेशन के दौरान एसओ बिठूर कौशलेंद्र को एक गोली जांघ और दूसरी हाथ पर लगी।

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सिपाही अजय सेंगर, अजय कश्यप, सिपाही शिवमूरत, दरोगा प्रभाकर पांडेय, होमगार्ड जयराम पटेल समेत सात पुलिसकर्मियों को गोलियां लगीं। सेंगर और शिवमूरत के पेट में गोली लगी। इस हमले में घायल पुलिसकर्मियों को कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसमें दो पुलिसकर्मी की हालत गंभीर बताई जा रही है।

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एडीजी जयनारायण सिंह, आईजी मोहित अग्रवाल, एसएससी दिनेश कुमार पी समेत पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे, वहीं अस्पताल में जाकर घायल पुलिस जवानों का हाल लिया।


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