किडनी रैकेट मामले में लखनऊ व दिल्ली में पुलिस ने दी दबिश
किडनी रैकेट से जुड़े लोगों की तलाश के लिए शहर से पुलिस की चार टीमें रवाना की गई हैं।
जागरण संवाददाता, कानपुर : किडनी रैकेट से जुड़े लोगों की तलाश के लिए शहर से पुलिस की चार टीमें रवाना की गई हैं। एसआइटी ने गुरुवार को डॉक्टर केतन के साथ ही फरार संजय समेत 13 लोगों की धरपकड़ के लिए लखनऊ व दिल्ली में छापेमारी की। पुलिस ने इस दौरान तीन संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया है।
गुरुवार को एक टीम लखनऊ में आनंद कुमार की तलाश में रवाना हुई। वहीं एक टीम एनसीआर व दो आसपास के जनपदों में छापेमारी के लिए गई। लखनऊ में टीम ने मडियावां, पुराना लखनऊ, कृष्णानगर व गोमतीनगर में छापेमारी की। साथ ही किडनी का इलाज करने वाले सरकारी व प्राइवेट अस्पताल में जाकर किडनी से जुड़े आपरेशन के दस्तावेज मांगे। दूसरी तरफ एनसीआर गई टीम डॉक्टर केतन के बारे में पूरी जानकारी जुटाने में लगी है क्योंकि अभी तक केवल उसका नाम ही सामने आया है और कोई खास जानकारी नहीं मिली है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने लखनऊ से दो व एनसीआर से एक को हिरासत में लिया है। यह लोग अस्पताल में अस्थाई नौकरी करते है और लखीमपुर निवासी गौरव मिश्र के संपर्क में थे। एसपी साउथ रवीना त्यागी ने बताया कि चार टीमें यहां से रवाना की गई है जो कि फरार लोगों के तलाश में जुटी है। जल्द ही बड़ी सफलता मिलने की उम्मीद है। सिर्फ लीवर के मामले डील करता था मिथुन
कानपुर : दिल्ली के पीएसआरआइ अस्पताल का कोआíडनेटर मिथुन सिर्फ लीवर ट्रांसप्लांट और टिश्यू ट्रांसप्लांट के मामले डील करता है। मिथुन को टिश्यू और लीवर डोनर गौरव और टी-राजकुमार राव ही मुहैया कराते थे। इसकी एवज में यह लोग मोटी रकम मांगते थे। एक लीवर में टिश्यू ट्रांसप्लांट के लिए 85 लाख तक की डील होती थी। मरीज को करीब दो माह तक अस्पताल में रखा जाता था। वहीं किडनी ट्रांसप्लांट के मामलों में अस्पतालों के कोरआíडनेटरों की कुल रकम में 9 से10 लाख की हिस्सेदारी होती थी।