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कानपुर देहात: मजदूर की हत्या का पुलिस ने किया खुलासा, भतीजे ने ली थी चाचा की जान, पिता और भाई भी थे शामिल

शनिवार को चाचे असालतगंज निवासी मजदूर संतोष सविता का शव मिला था। दोनों हाथ जैकेट से जामुन के पेड़ से बंधे थे। मामले में पुलिस ने संतोष के चचेरे भाई मटरू उसके बीएससी के छात्र बेटे ज्ञानू व मोनू को पकड़ा है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Mon, 08 Nov 2021 05:19 PM (IST)Updated: Mon, 08 Nov 2021 05:19 PM (IST)
कानपुर देहात: मजदूर की हत्या का पुलिस ने किया खुलासा, भतीजे ने ली थी चाचा की जान, पिता और भाई भी थे शामिल
पुलिस के सामने भतीजे ने कबूल किया हत्या का राज। प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर देहात, जागरण संवाददाता। मेरी मासूम भतीजी को टोना टोटका करके चाचा संतोष सविता ने मार दिया था। इससे मैं बहुत गुस्से में था। घटना के दिन शनिवार को वह शौच के लिए निकले तो मैं चरस की सिगरेट पीने के बाद पीछे लग गया। इसके बाद मौका देखकर डंडे से मार मारकर हत्या कर दी। यह कबूलनामा संतोष की हत्या करने वाले उसके भतीजे ज्ञानू ने पुलिस के सामने किया। वहीं पुलिस का दावा है कि इसमें उसका पिता मटरू व भाई मोनू भी शामिल रहें हैं। तीनों को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया।  

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शनिवार को चाचे असालतगंज निवासी मजदूर संतोष सविता का शव मिला था। दोनों हाथ जैकेट से जामुन के पेड़ से बंधे थे। मामले में पुलिस ने संतोष के चचेरे भाई मटरू, उसके बीएससी के छात्र बेटे ज्ञानू व मोनू को पकड़ा है। ज्ञानू ने बताया कि उसकी मासूम भतीजी अनन्या को टोटके से संतोष ने मार दिया था। शनिवार को जब संतोष खेत की ओर जा रहा था उसी समय उसने हाथ में डंडा लिया और पीछा करने लगा। जामुन के पेड़ के पास जोरदार तीन चार डंडे से प्रहार किया, इससे संतोष वहीं गिर गया। उसने अपनी जैकेट से उसका गला कस दिया, जिससे वह ढीला पड़ गया तब वह उसे घसीट कर जामुन के पेड़ के पास ले गया और जैकेट से उसके हाथ बांधने लगा। हाथ बांधने का विरोध करने पर उसने उसे डंडे से फिर मारा। संतोष पानी मांगने लगा तो उसके ऊपर लघुशंका कर दी। इसके बाद सीने, पैर व शरीर पर ताबड़तोड़ वार कर हत्या कर दी। थाना प्रभारी प्रमोद कुमार शुक्ला ने बताया कि हत्या में प्रयुक्त डंडे व उसकी पीली जैकेट बरामद कर तीनों को जेल भेज दिया है। घटना में तीनों शामिल रहे थे।

हत्या के बाद घटनास्थल पर मौजूद रहा

हत्या के बाद वह घर गया। इसके बाद घटनास्थल पर भीड़ जमा हुई तो वह भी वहीं आ गया जिससे कोई शक न करे। इसी दौरान उसे शौच वाले स्थान पर उसके पानी वाले डब्बे का ध्यान आया जिसे उसने जाकर पैर से लुढ़का कर आड़ में छिपा दिया और वापस आकर घर के समीप उसी मैदान पर आकर बैठ गया जहां कुत्ता आकर बैठा था। इसके बाद बनपुरवा स्थित एक दोस्त के यहां चला गया और वही से वह अपनी विवाहित बहन आरती की ससुराल सेरन कन्नौज चला गया। 


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