भागलपुर और कोलकाता के खाताधारकों का ब्योरा जुटा रही पुलिस
जाली स्टांप व नोटरी टिकट बिक्री के मामले की चल रही है जांच।
जाली स्टांप व नोटरी टिकट बिक्री के मामले की चल रही जांच, आधा दर्जन खातों में कई बार बड़े ट्रांजेक्शन होने के साक्ष्य मिले जागरण संवाददाता,कानपुर : जाली स्टांप और नोटरी टिकट बिक्री के मामले में पकड़े गए वेंडरों के खातों की पुलिस छानबीन कर रही है। दोनों के आधा दर्जन खातों में भागलपुर और कोलकाता के कई खातों से रकम के आदान-प्रदान होने के साक्ष्य मिले हैं। पुलिस अब उन खाताधारकों का ब्योरा जुटा रही है।
बर्रा में एक जमीन के विवाद के मामले में वर्ष 1990 का एक वसीयतनामा एक पक्ष ने लगाया था। दूसरे पक्ष ने आपत्ति करते हुए दस्तावेजों को फर्जी बताया था। पुलिस ने छानबीन की तो स्टांप और नोटरी टिकट फर्जी होने की जानकारी मिली। मामले में पुलिस ने प्रयागराज निवासी रंजीत कुमार रावत व कर्नलगंज निवासी मोहम्मद शीजान को गिरफ्तार कर 5.50 लाख रुपये कीमत के स्टांप व नोटरी टिकट बरामद किए थे। डीआइजी ने मामले का राजफाश करते हुए बताया कि शातिर वर्ष 1950 और उसके बाद के बिना नंबर वाले स्टांपों की बिक्री करते थे। थाना प्रभारी बर्रा हरमीत सिंह ने बताया कि दोनों वेंडरों के आधा दर्जन खाते होने की जानकारी हुई थी। इसकी जांच कराई गई तो कई बड़े ट्रांजेक्शन मिले जो भागलपुर और कोलकाता के खातों से किए गए थे। इन खाताधारकों का ब्योरा जुटाने के बाद पुलिस उनकी धरपकड़ करेगी।
रंजीत के कनेक्शन खंगालने प्रयागराज गई टीम
थाना प्रभारी बर्रा ने बताया कि रंजीत की सीडीआर से सामने आया है कि उसने कई कनेक्शन प्रयागराज और कानपुर कचहरी में थे। उसके संपर्कियों की तलाश कर जाली स्टांप और नोटरी टिकट खरीदने वालों की धरपकड़ शुरू की जाएगी। इसके लिए शुक्रवार देर रात एक पुलिस टीम प्रयागराज के लिए रवाना की गई है।