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प्रधानमंत्री को भाए कानपुर आइआइटी के शोध कार्य, ट्वीट कर की विशेषज्ञ और शोधार्थियों की प्रशंसा

PM Modi praise IIT Kanpur कोरोना संक्रमण के दौरान तकनीकी संस्थानों के संक्रमण रोकने की तकनीक और उसके खिलाफ रक्षात्मक तंत्र विकसित करने में योगदान की सराहना की। यह कार्यक्रम सुबह 11 बजे से शुरू हुआ। इसमें 70 से अधिक तकनीकी संस्थानों के निदेशकों ने प्रतिभाग किया।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Thu, 08 Jul 2021 11:41 PM (IST)Updated: Fri, 09 Jul 2021 07:49 AM (IST)
प्रधानमंत्री को भाए कानपुर आइआइटी के शोध कार्य, ट्वीट कर की विशेषज्ञ और शोधार्थियों की प्रशंसा
पीएम मोदी की खबर से संबंधित सांकेतिक फोटो।

कानपुर, जेएनएन। PM Modi praise IIT Kanpur प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आइआइटी कानपुर के शोध कार्य, तकनीक और भविष्य की अन्य योजनाएं खूब भाई हैं। उन्होंने संस्थान के विशेषज्ञों और शोधार्थियों की तारीफ की। ट्वीट कर संस्थान के नवाचार और उद्यमिता विकास कार्यक्रम पर गर्व किया है। प्रधानमंत्री गुरुवार सुबह देश भर के सेंट्रली फंडेड टेक्निकल इंस्टीट्यूशंस (सीएफटीआइ) के निदेशकों और संस्थान के प्रमुख अधिकारियों से आनलाइन मुखातिब हुए। उन्होंने कोरोना संक्रमण के दौरान तकनीकी संस्थानों के संक्रमण रोकने की तकनीक और उसके खिलाफ रक्षात्मक तंत्र विकसित करने में योगदान की सराहना की। यह कार्यक्रम सुबह 11 बजे से शुरू हुआ। इसमें 70 से अधिक तकनीकी संस्थानों के निदेशकों ने प्रतिभाग किया। 

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आइआइटी कानपुर निदेशक प्रो. अभय करंदीकर, आइआइटी बांबे (मुंबई), मद्रास (चेन्नई), इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस (आइआइएससी) बेंगलुरु को पांच-पांच मिनट प्रस्तुति देने का अवसर मिला। प्रो. करंदीकर ने रोबोटिक्स, ड्रोन, ब्लॉक चेन तकनीक, एयर क्वालिटी मानीटरिंग, आनलाइन पढ़ाई, स्वदेशी तकनीक पर बने आक्सीजन कंसंट्रेटर, वेंटिलेटर प्रोजेक्ट, फाइव जी वायरलेस तकनीक, स्कूल आफ मेडिकल रिसर्च एंड टेक्नोलाजी, ई-मास्टर्स प्रोग्राम समेत भविष्य की अन्य योजनाओं की जानकारी दी। प्रधानमंत्री ड्रोन तकनीक, वेंटिलेटर प्रोजेक्ट, ई-मास्टर्स प्रोग्राम से खासे प्रभावित हुए। उन्होंने इसके दूरगामी परिणाम सामने आने की बात कही। प्रो. करंदीकर के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने आइआइटी कानपुर को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर करने के साथ ही तकनीक विकसित करने पर बधाई दी।

इन महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर चल रहा काम

ड्रोन तकनीक : संस्थान के विशेषज्ञों ने चिकित्सा क्षेत्र, आपदा प्रबंधन, सेना को राहत सामग्री पहुंचाने और सर्विलांस के लिए बेहतर ड्रोन तैयार किए हैं। एंटी ड्रोन तकनीक पर भी काम शुरू कर दिया है।

एसएमआरटी : चिकित्सा के क्षेत्र में नई खोज, दवाएं विकसित करने के लिए नया संस्थान तैयार हो रहा है। इसमें डाक्टर और इंजीनियर मिलकर शोध करेंगे।

5जी : विशेषज्ञ 5जी की नेटवर्किंग और कोर ग्रुप नेटवर्किंग पर काम कर रहे हैं। पिछले साल नेटवर्किंग की testing भी हो चुकी है।

वायु गुणवत्ता : विशेषज्ञों ने वायु गुणवत्ता पर बहुत कार्य किया है। देश ही नहीं विदेश के कई संस्थानों के साथ काम चल रहा है। वायु गुणवत्ता सूचकांक के सरलीकरण को यहीं के प्रोफेसर ने विकसित किया है। दिल्ली, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, आगरा समेत अन्य शहरों के वायु प्रदूषण की मानीटङ्क्षरग चल रही है।

वेंटिलेटर : पुरातन छात्रों की इंक्यूबेटेड कंपनी नोका रोबोटिक्स ने मेक इन इंडिया के तहत अत्याधुनिक वेंटिलेटर विकसित किया है। यह विदेश के महंगे वेंटिलेटर के मुकाबले सस्ता है। कई सरकारी और निजी अस्पतालों में इस पर काम हो रहा है।

आक्सीजन कंसंट्रेटर : स्वदेशी तकनीक पर सस्ते आक्सीजन कंसंट्रेटर तैयार किए हैं। संस्थान की ओर से मिशन आक्सीजन संचालित किया जा रहा है, जिसमें आठ कंपनियां आक्सीजन कंसंट्रेटर और आक्सीजन प्लांट तैयार कर रही हैं।

ई-मास्टर्स : आइआइटी ने सरकारी और निजी संस्थानों के इंजीनियरों व अधिकारियों की तकनीकी जानकारी को उच्चीकृत करने के लिए ई-मास्टर्स प्रोग्राम तैयार किया है। इसको नए सत्र से लांच किया जाना है। यह आनलाइन रहेगा।

ब्लाक चेन तकनीक : ब्लाक चेन तकनीक के तहत सरकारी और निजी संस्थानों के दस्तावेजों को हैकरों से सुरक्षित करने की व्यवस्था बनाई जा रही है। संस्थान में साइबर सिक्योरिटी लैब और साइबर सिक्योरिटी इनोवेशन इंक्यूबेशन हब बना है। बैंक, राजस्व विभाग, जमीन के कागजात, नगर निगम आदि के डिजिटल दस्तावेज को सुरक्षित किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार के साथ काम चल रहा है।

इलेक्ट्रानिक फ्यूल इंजेक्शन : संस्थान में विशेषज्ञ पर्यावरण संरक्षण के लिए इलेक्ट्रानिक फ्यूल इंजेक्शन पर काम कर रहे हैं। कार, बस समेत बड़े इंजनों पर इसका काम चल रहा है।


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