जानिए - किसके नेतृत्व और मार्गदर्शन से सबसे कम समय में कानपुर को मिली मेट्राे की सौगात
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने कहा कि कोविड जैसे कठिन समय के बावजूद कानपुर मेट्रो रेल परियोजना ने निर्माण कार्य की गति को तेज बनाए रखा और सभी बाधाओं और चुनौतियों को पार कर लिया।
कानपुर, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार दोपहर कानपुर मेट्रो (Kanpur Metro)के पहले कारिडोर का शुभारंभ कर दिया। अल्पकाल में जनता के लिए तैयार होने वाली कानपुर मेट्रो (Kanpur Metro) अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) के प्रबंध निदेशक कुमार केशव के नेतृत्व में तैयार कानपुर मेट्रो (Kanpur Metro)ने कई मायनाें में लखनऊ मेट्रो को भी पीछे छोड़ दिया है। उल्लेखनीय है कि दो वर्षों के बीच कोरोना संकट और लाकडाउन मेट्रो कार्य के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरे। यूपीएमआरसी के मैनेजिंग डायरेक्टर कुमार केशव कहते हैं कि हमारी पूरी टीम ने बहुत तेजी से काम किया है। यह बड़ी उपलब्धि है और कानपुर के लिए भी गौरव की बात है। आगे के कारिडोर भी हम निर्धारित समय से पूरा करेंगे।
कैसे बने प्रबंध निदेशक : उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) के प्रबंध निदेशक कुमार केशव का इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी (आइआइटी)-रुड़की में 1977 में चयन हुआ। यहां से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। इसके बाद आइआइटी कानपुर से जियो टेक्निकल, सॉयल मेकेनिक्स एंड फाउंडेशन इंजीनियरिंग में गोल्ड मेडल के साथ एमटेक की डिग्री ली। संघ लोक सेवा आयोग के जरिए इंडियन रेलवे सर्विस आफ इंजीनियर्स (आइआरएसई) में चयन होने के बाद जून 1984 में भारतीय रेलवे ज्वाइन किया और पहली पोस्टिंग दक्षिण-पूर्व रेलवे के अंतर्गत बिलासपुर में मिली। खड़गपुर में लगभग चार साल काम करने के बाद तीन साल सेंट्रल रेलवे के अंतर्गत झाँसी में सीनियर रेल को-ऑर्डिनेटर के तौर पर काम किया। 2002 में बतौर चीफ इंजीनियर दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड के साथ जुड़े। दिल्ली मेट्रो में एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर और डायरेक्टर (प्रोजेक्ट ऐंड प्लानिंग) के पद पर काम किया। 2012 में कुमार केशव, दिल्ली मेट्रो छोड़कर, ब्रिस्बेन (आस्ट्रेलिया) चले गए। यहां पर उन्होंने हेवी-हाल प्रोजेक्ट में प्रोजेक्ट डायरेक्टर पद की जिम्मेदारी संभाली। साल 2014 में उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लि. (पूर्व में लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लि.) के प्रबंध निदेशक बने। उनके नेतृत्व में लखनऊ मेट्रो परियोजना को सबसे तीव्र गति से निर्मित होने वाले भूमिगत मेट्रो स्टेशन 'चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट मेट्रो स्टेशन' का तोहफा मिला।