कानपुर में गंगा बैराज के दायीं तरफ मुख्य सड़क के सामने ही हो रही प्लाटिंग, एनजीटी के मानक दरकिनार
बिल्डरों के हौसले इतने बुलंद हैं कि कई जगह बंधे से जोड़कर रैंप बनाया जा रहा है ताकि बैराज से प्लाट तक आने में लोगों को दिक्कत न हो। बिल्डरों ने जमीन पर बोर्ड तक लगा रखे हैं। इसके बाद भी केडीए दस्ते को नहीं दिख रहा है।
कानपुर, जेएनएन। केडीए बोर्ड के आदेश के बाद भी डूब क्षेत्र में धड़ल्ले से अवैध प्लाटिंग और निर्माण हो रहे हैं। बैराज से बिठूर जाने वाली मुख्य सड़क में दायीं तरफ मुख्य सड़क के सामने निर्माण हो रहे हैं, लेकिन दस्ते को नहीं दिखायी दे रहे। रोक के बाद भी बिल्डर अवैध प्लाटिंग बेचने के लिए बंधे को तोड़कर रैंप बना रहे हैं। सुविधा शुल्क के चलते केडीए व सिंचाई विभाग के अभियंताओं ने एनजीटी के आदेशों को भी दरकिनार कर दिया है।
केडीए की 26 मार्च को हुई बोर्ड बैठक में फैसला लिया गया था कि डूब क्षेत्र में किसी भी हाल में प्लाटिंग और निर्माण न होने दिया जाए। मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर ने अफसरों को आदेश दिए कि डूब क्षेत्र के लिए अलग दस्ता गठित किया जाए। हर 15 दिन में अपनी समीक्षा रिपोर्ट दें और उपाध्यक्ष हर माह समीक्षा करेंगे। एनजीटी के आदेश भी हैं कि गंगा से सौ मीटर तक कोई निर्माण नहीं किया जाए। डूब क्षेत्र में लेआउट नहीं पास हो सकता है। इसके बाद भी प्लाटिंग चल रही है। बिल्डरों के हौसले इतने बुलंद हैं कि कई जगह बंधे से जोड़कर रैंप बनाया जा रहा है ताकि बैराज से प्लाट तक आने में लोगों को दिक्कत न हो। बिल्डरों ने प्लाट बेचने के लिए जमीन पर बोर्ड तक लगा रखे हैं। इसके बाद भी केडीए दस्ते को नहीं दिख रहा है। अगर अभी कार्रवाई नहीं की गई तो डूब क्षेत्र में बड़ी संख्या में अवैध निर्माण खड़े हो जाएंगे। इसके बाद निर्माण गिराना मुश्किल हो जाएगा। केडीए का दस्ता पिछले दो माह से केवल ध्वस्तीकरण की नोटिस दे रहा है, लेकिन कार्रवाई अभी तक नहीं की गई। जोन एक के अधिशासी अभियंता ने मार्च में अभियान चलाने की बात कही थी। मार्च निकल गया, पर एक भी निर्माण नहीं गिरा।
इनका ये है कहना
जल्द ही दस्ते का गठन किया जाएगा। डूब क्षेत्र में कोई निर्माण नहीं होने दिया जाएगा। अभियान चलाकर अवैध रूप से बनी टाउनशिप को भी ध्वस्त कराया जाएगा। - राकेश सिंह, उपाध्यक्ष केडीए