बसपा नेता पिंटू सेंगर हत्याकांड की चार्जशीट में सामने आया कानपुर पुलिस का खेल
पिंटू सेंगर की हत्या में नामजद दो मुख्य आरोपित साथी कारोबारी मनोज गुप्ता और वीरेंद्र पाल को पुलिस ने निर्दोष बताकर चार्जशीट से हटा दिया लेकिन अदालत ने तर्क नहीं माने और सभी आरोपित 13 अक्टूबर को तलब किए गए हैं।
कानपुर, जेएनएन। बसपा नेता पिंटू सेंगर हत्याकांड में चकेरी पुलिस ने बड़ा खेल कर दिया। हत्या के आरोप में जेल में बंद बसपा नेता के कारोबारी साथी और मुख्य आरोपित मनोज गुप्ता व वीरेंद्र पाल के नाम चार्जशीट से निकाल दिए गए। यह राज तब खुला जब पुलिस ने एक अक्टूबर को गुपचुप तरीके से अदालत में चार्जशीट दाखिल की। पुलिस ने सीआरपीसी की धारा-169 (विवेचना के दौरान नाम हटाने का अधिकार) की रिपोर्ट अदालत में पेश कर दोनों अभियुक्तों को क्लीनचिट दे दी, मगर अदालत ने पूर्व के साक्ष्यों और अन्य विधिक कारणों के चलते रिपोर्ट निरस्त कर दोनों को अभियुक्त मानते हुए सभी आरोपित 13 अक्टूबर को अदालत में तलब किए हैं।
पिंटू सेंगर की हत्या 20 जून 2020 को उस वक्त कर दी गई थी, जब वह अपने कारोबारी पार्टनर मनोज गुप्ता के साथ चल रहे एक विवाद की पंचायत के लिए सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष चंद्रेश सिंह के घर जा रहे थे। चंद्रेश के घर के ठीक सामने ही दो बाइक पर सवार चार बदमाशों ने उन्हें गोलियों से भून दिया था। इस प्रकरण में पिंटू के स्वजन ने मनोज गुप्ता, पप्पू स्मार्ट, सऊद अख्तर, सऊद के भाई महफूज अख्तर के अलावा इस पंचायत में मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे वकील अरिदमन सिंह व बीनू उपाध्याय को आरोपित किया था।
15 दिन बाद तत्कालीन एसएसपी दिनेश कुमार पी और एसपी पूर्वी राजकुमार अग्र्रवाल ने राजफाश कर बताया था कि पिंटू की हत्या में दोनों वकीलों का हाथ नहीं है। असल में पप्पू स्मार्ट, मनोज गुप्ता, वीरेंद्र पाल, उन्नाव में तैनात सिपाही श्याम सुशील मिश्रा, तौसीफ उर्फ कुक्कू आदि ने 40 लाख रुपये में सुपारी देकर पिंटू की हत्या करवाई और हत्या के पीछे जमीनी विवाद थे। फिलहाल 14 आरोपित जेल में है, जबकि सऊद अख्तर, बबलू सुल्तानपुरी और राशिद कालिया फरार हैं।
चार्जशीट में पुलिस ने मुख्य आरोपितों मनोज गुप्ता व वीरेंद्र पाल दोनों के नाम हटाते हुए शेष 12 आरोपितों पर आरोप लगाए हैं। दोनों अभियुक्तों को राहत देने के लिए चकेरी पुलिस ने 169 की रिपोर्ट भी अदालत में पेश की। वादी पक्ष के वकील गिरीश नारायण दुबे ने बताया कि 169 की रिपोर्ट पुलिस रिमांड के दौरान लगाई जानी चाहिए, लेकिन पुलिस ने यह रिपोर्ट ज्यूडीशियल रिमांड के दौरान लगाई। इसके मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चिंताराम की अदालत ने पूर्व के साक्ष्यों को देखा और 169 की रिपोर्ट खारिज कर दी।
अदालत ने कहा कि पर्चा नंबर आठ में पुलिस ने दावा किया है कि पप्पू स्मार्ट ने पूछताछ में कबूला कि मनोज गुप्ता, श्याम सुशील मिश्रा, वीरेंद्र पाल, सऊद अख्तर और सुभानअल्ला को पिंटू सेंगर ने धोखा देकर उनकी संपत्तियां हड़प लीं। इसी वजह से सभी ने हत्या की साजिश रची। दूसरा, पर्चा नंबर 17 में पुलिस ने पप्पू स्मार्ट, सऊद अख्तर, तौसीफ हैदर सैफी, उत्सव गुप्ता व मनोज गुप्ता की कॉल डिटेल देखी।
उनकी बातचीत की पुष्टि हुई है। पर्चा नंबर 49 में पुलिस ने बीनू उपाध्याय, अरिदमन सिंह, मनोज गुप्ता, वीरेंद्र पाल के खिलाफ कोई साक्ष्य न मिलने का दावा करते हुए सभी के खिलाफ अंतिम रिपोर्ट लगाई है। अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि जब अभियुक्तों के बयान और कॉल डिटेल से मनोज व वीरेंद्र के नाम सामने आए हैं तो ऐसे में इन्हें राहत नहीं दी जा सकती।
ये आरोपित हैं जेल में
मोहम्मद आसिम उर्फ पप्पू स्मार्ट : मुख्य आरोपित। पिंटू का पूर्व कारोबारी सहयोगी। पूर्व में ङ्क्षपटू की हत्या के प्रयास के मुकदमे में आरोपित। सुपारी के 10 लाख रुपये का इंतजाम किया।
तौसीफ उर्फ कुक्कू : पप्पू स्मार्ट का भाई। लंबा आपराधिक इतिहास।
श्याम सुशील मिश्रा : उन्नाव पुलिस में हेड कांस्टेबिल। पिंटू की रियल स्टेट कंपनी स्नेहा डेवलपर में साझीदार। कंपनी में मिश्रा की पत्नी निशा भी। वीरेंद्र पाल के साथ गलत तरीके से बैंक से निकालने पर चल रहा था विवाद।
तनवीर बादशाह : पप्पू ने शूटर के लिए इंतजाम करने को इससे ही कहा था। 42 लाख रुपये में हुआ था सौदा।
आमिर उर्फ बिच्छू : पप्पू स्मार्ट का भाई। लंबा आपराधिक रिकार्ड।
साफेज सैफी उर्फ सफी हैदर : तनवीर के कहने पर शूटर का इंतजाम करने वाला।
अहसान कुरैशी : शूटर
सलमान बेग : शूटर
मोहम्मद फैसल : शूटर
अनीस : साजिश में शामिल। स्कार्पियो मालिक।
मोहम्मद असलम उर्फ गुलरेज : कुली है। साजिश में शामिल
मोहम्मद अयाज उर्फ टायसन : हत्याकांड की साजिश में शामिल व हथियारों का इंतजाम कराया था।
मनोज गुप्ता : पिंटू का कारोबारी पार्टनर। इसके ही जमीनी विवाद में पंचायत के लिए पिंटू चंद्रेश सिंहके घर जा रहे थे। हत्या के बाद इसका ही नाम स्वजन ने लिया।
वीरेन्द्र पाल : पिंटू की रियल स्टेट कंपनी स्नेहा डेवलपर में साझीदार। गलत तरीके से बैंक से निकालने पर चल रहा था विवाद।
- नाम किस आधार पर निकाले गए, इसकी जांच की जाएगी। जरूरत पड़ी तो दोबारा दूसरे अधिकारियों से जांच कराई जाएगी। -डॉ. प्रीतिंदर सिंह, एसएसपी