Pintu Sengar Murder Case : सुप्रीम कोर्ट ने अग्रिम आदेश आने तक आरोपित सिपाही की रिहाई पर लगाई रोक
पिंटू सेंगर हत्याकांड में आरोपित उन्नाव पुलिस के सिपाही श्याम सुशील मिश्रा की जमानत हाईकोर्ट द्वारा दे दी गयी थी। इस फैसले के खिलाफ पिंटू के भाई और वादी धर्मेंद्र सिंह सेंगर द्वारा उच्चतम न्यायालय में बेल कैंसिलेशन याचिका दाखिल की थी।
कानपुर, जेएनएन। बसपा नेता पिंटू सेंगर हत्याकांड में आरोपित सिपाही श्याम सुशील मिश्रा की रिहाई फिलहाल नहीं होगी। हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद वादी पक्ष द्वारा इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। इस याचिका पर अभी कोई फैसला नहीं आया है। लेकिन, जिस तरह से पिंटू सेंगर के भाई धर्मेंद्र व केस से जुड़े वकीलों को धमकी मिल रही हैं, उसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अग्रिम आदेश आने तक श्याम सुशील मिश्रा की रिहाई पर रोक लगा दी है।
पिंटू सेंगर हत्याकांड में आरोपित उन्नाव पुलिस के सिपाही श्याम सुशील मिश्रा की जमानत हाईकोर्ट द्वारा दे दी गयी थी। इस फैसले के खिलाफ पिंटू के भाई और वादी धर्मेंद्र सिंह सेंगर द्वारा उच्चतम न्यायालय में बेल कैंसिलेशन याचिका दाखिल की थी। इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था। तीन सदस्यीय बेंच का नेतृत्व चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना कर रहे हैं। उक्त मुकदमे की सुनवाई के दौरान जब अभियोजन के वकील विभा मखीजा ,शक्ति पांडेय और संदीप शुक्ला ने न्यायालय को इस बात से अवगत कराया कि वादी को जान से मारने की धमकी भरी फोन काल आए हैैं। इसके प्रमाण भी कोर्ट के सामने रखे गए। चीफ जस्टिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपित सिपाही श्याम सुशील मिश्र की रिहाई आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी। इस मामले में दूसरे पक्ष की ओर से अभी जवाब दाखिल नहीं किया गया है, जिसके लिए अदालत ने उन्हेंं एक सप्ताह का समय दिया है।
धमकी भरे फोन काल की जांच शुरू : धर्मेंद्र सिंह सेंगर को मिली धमकी के मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक अभी तक की जानकारी में सामने आया है कि फोन फेक आइडी से एक्टिवेट किए गए सिम से किया गया था। ऐसे में यह पता नहीं चल सका कि फोन किसने किया, लेकिन फोन की लोकेशन कानपुर की ही थी। पुलिस लोकेशन के हिसाब से ही मामले की जांच पड़ताल में जुट गई है।