Pintu Sengar Murder case : Supreme Court ने State Government से पूछा कि आखिर इतने अहम केस में सिपाही को जमानत कैसे मिल गई
सिपाही व राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है आखिर इतने गंभीर हत्याकांड के आरोपित को जमानत कैसे मिली। खास बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ इस केस की सुनवाई कर रही है।
कानपुर, जेएनएन। बसपा नेता पिंटू सेंगर हत्याकांड में हत्यारोपित सिपाही श्याम सुशील मिश्रा को हाईकोर्ट से मिली जमानत पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। आरोपित सिपाही व राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है आखिर इतने गंभीर हत्याकांड के आरोपित को जमानत कैसे मिली। खास बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ इस केस की सुनवाई कर रही है।
पिंटू सेंगर की 20 जून 2020 को चकेरी थानाक्षेत्र में उस वक्त गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी, जब एक भूमि विवाद में पंचायत के लिए वह सपा नेता चंद्गेश ङ्क्षसह के घर जा रहे थे। इस प्रकरण में पुलिस ने पप्पू स्मार्ट, मनोज गुप्ता, वीरेंद्र पाल, सऊद अख्तर और उन्नाव में तैनात सिपाही श्याम सुशील मिश्रा समेत 15 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा, जिसमें से एक आरोपित तौसीफ की जेल में ही मृत्यु हो चुकी है। बाकी बचे 14 आरोपितों में अकेले श्याम सुशील मिश्रा को हाईकोर्ट से जमानत मिली है। श्याम पर शूटर्स का इंतजाम करने व साजिश रचने का आरोप है।
अभियोजन पक्ष के वकील शिवाकांत दीक्षित व संदीप शुक्ला ने जमानत के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। बुधवार को मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने की। अभियोजन पक्ष की ओर से एडवोकेट शक्ति पांडेय ने तर्क रखा कि आरोपित पुलिस कांस्टेबल है और इसके जमानत पर बाहर आने से वादी मुकदमा, गवाहों, ङ्क्षपटू के स्वजन व केस से जुड़े अन्य लोगो की जान को खतरा हो सकता है। चीफ जस्टिस ने इसे गंभीरता से लेते हुए कहा कि किसी की अगर इतनी हिम्मत हुई तो उसको हम देख लेंगे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आरोपित व उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस कर जवाब मांगा है। अधिवक्ता शक्ति पांडेय कानपुर से कांग्रेस के पूर्व विधायक रहे नेकचंद्र पांडेय के बेटे हैं।