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पिंटू सेंगर हत्याकांड : पप्पू स्मार्ट पर था बड़े पुलिस अफसर का हाथ, नहीं माना था कमिश्नर का भी आदेश

कानपुर पुलिस ने मंडलायुक्त का आदेश दरकिनार कर दिया था अगर उस समय अमल किया जाता तो बड़ी वारदात को रोका जा सकता था। तत्कालीन अपर आयुक्त ने एसएसपी को पत्र लिखकर जमानत निरस्त कराने को कहा था।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Thu, 08 Oct 2020 04:40 PM (IST)Updated: Thu, 08 Oct 2020 04:40 PM (IST)
पिंटू सेंगर हत्याकांड : पप्पू स्मार्ट पर था बड़े पुलिस अफसर का हाथ, नहीं माना था कमिश्नर का भी आदेश
कानपुर में बसपा नेता पिंटू सेंगर हत्याकांड में खुल रही कई परतें। फाइल फोटो

कानपुर, जेएनएन। चकेरी पुलिस और पूर्व में जिले में तैनात बड़े पुलिस अफसरों की भी पप्पू स्मार्ट को वरदहस्त प्राप्त थी। इसके चलते कमिश्नर की स्पष्ट चेतावनी को पुलिस ने दरकिनार कर दिया था। कमिश्नर ने पप्पू व उसके भाई कक्कू को बेहद खतरनाक अपराधी बताते हुए इनकी जमानत निरस्त कराने के पुलिस को आदेश दिए थे। इसके बावजूद पुलिस ने आदेश को रद्दी को टोकरी में टाल दिया। अगर पुलिस ने मंडलायुक्त के निर्देश को माना होता तो कई बड़ी घटनाओं को रोका जा सकता था।

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अधिवक्ता अबु सुरैया खान ने वर्ष 2016 में तत्कालीन कमिश्नर से पप्पू स्मार्ट, तौसीफ उर्फ कक्कू और आमिर पग्गल की शिकायत की थी। शिकायती पत्र में इनके अपराध को ब्यौरा भी संलग्न किया था। पूरा मामला जानने के बाद कमिश्नर के निर्देश पर तत्कालीन अपर आयुक्त राजीव शर्मा ने डीएम व एसएसपी को पत्र लिखकर इन सभी की जमानत निरस्त करने को कहा था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

सऊद है गिरोह का सरगना, आइपीएस का था सिर पर हाथ

सऊद अख्तर और पप्पू स्मार्ट से जुड़ी रोजाना नई जानकारियां सामने आ रही हैं। पता चला है कि पिंटू हत्याकांड में शामिल प्रमुख अभियुक्तों के नाम से चकेरी थाने में डी 123 के नाम से गिरोह भी पंजीकृत है। इसे भू-माफिया गैंग बताया गया है। सऊद अख्तर इस गैंग का सरदार है, जबकि पप्पू स्मार्ट, पप्पू का भाई तौसीफ उर्फ कक्कू, फराज, आमिर, सऊद की गैंगस्टर भाई सुहैल अख्तर और राशिद अहमद को गिरोह के सदस्य हैैं।

गैंग को तत्कालीन एसएसपी अखिलेश कुमार मीणा के समय दिसंबर 2017 में पंजीकृत किया गया था। बताया तो यहां तक जा रहा है कि एक आइपीएस ने मुखौटे के रूप में अपने एक रिश्तेदार को चकेरी क्षेत्र में प्रॉपर्टी के धंधे में उतारा था। धनबल और बाहुबल से पप्पू व सऊद ने उस आइपीएस के रिश्तेदार को करोड़ों की जमीनों का सौदा कराया था। सूत्र यह भी बताते हैं कि चकेरी की विवादित जमीनों के मामलों में आधा दर्जन मौजूदा व पूर्व आइपीएस सक्रिय रहे हैैं। सभी ने स्थानीय माफिया को साध कर मोटा अच्छा कमाया।


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