Pintu Sengar Murder Case: कोर्ट में आरोपित मनोज गुप्ता और वीरेंद्र की जमानत याचिका पर सुनवाई टली
कानपुर शहर के बहुचर्चित पिंटू सेंगर हत्याकांड में शामिल रहे आरोपितों के नाम पुलिस ने पहली चार्जशीट में निकाल दिए थे बाद में मुख्य अभियुक्त समेत निकाले गए आरोपितों पर अदालत ने मुकदमा चलाने का आदेश था ।
कानपुर, जेएनएन। शहर के चर्चित बसपा नेता पिंटू सेंगर हत्याकांड में चार्जशीट से नाम बाहर करने के मामले फजीहत झेल चुकी पुलिस को महफूज और उसके भाई का कोर्ट में सरेंडर होने पर एक और झटका मिला था। अब पुलिस किसी भी कीमत पर फजीहत उठाने के मूड में नहीं है। शुक्रवार को हत्याकांड में आरोपित मनोज गुप्ता और वीरेंद्र पाल की ओर से कोर्ट में दाखिल जमानत अर्जी पर सुनवाई टाल दी गई है।
पिंटू सेंगर हत्याकांड में मनोज गुप्ता और वीरेंद्र पाल के अलावा पुलिस ने साक्ष्य होते हुए भी नामजद अभियुक्तों में शामिल महफूज अख्तर काे साक्ष्य होते हुए भी नाम बाहर करने का तथ्य उजागर हुआ था। फजीहत होने पर पुलिस ने दोबारा पूरक चार्जशीट में उसका नाम जोड़ा था। पुलिस को चकमा देकर महफूज और सऊद अख्तर बीते मंगलवार को सीजेएम कोर्ट में सरेंडर किया था। इसी तरह पुलिस ने मुख्य अभियुक्त मनोज गुप्ता और वीरेंद्र पाल का नाम भी चार्जशीट से निकाल दिया था।
चौकी पुलिस दोनों को पहले ही जेल भेज चुकी थी, इसलिए सीआरपीसी की धारा 169 के तहत दोनों को राहत देने के लिए अदालत में अनुरोध किया गया था। अदालत ने मनोज गुप्ता और वीरेंद्र पाल को अभियुक्त मानते हुए मुकदमा चलाने का आदेश दिया था। इसके बाद दोनों की ओर से अदालत में जमानत अर्जी दाखिल की गई थी, जिसकी सुनवाई शुक्रवार को होनी थी। वकील द्वारा हाजिरी माफी का अनुरोध करने पर अदालत ने जमानत याचिका पर सुनवाई टालते हुए चार नवंबर की तिथि नियत कर दी है। वीरेंद्र पाल की जमानत अर्जी पर भी अदालत ने 2 नवंबर को सुनवाई की तिथि तय की है।