रोजेदार ने अगर पी cigarette तो टूट जाएगा रोजा, जानबूझकर नहीं सूंघ सकते अगरबत्ती का धुआं
कुल हिंद इस्लामिक इल्मी अकादमी की अल शरिया हेल्पलाइन पर पूछे गये सवालों पर मुफ्ती इनामुल्लाह कासमी जवाब दिए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि रोजा फर्ज है अगर कोई जानबूझ कर इसे छोड़ता है तो वह गुनाहगार होगा।
कानपुर, जेएनएन। रोजेदार ने अगर रोजे के दौरान सिगरेट, बीड़ी या हुक्का का कश लिया तो रोज़ा टूट जायेगा। रोजे की हालत में सिगरेट, बीड़ी आदि नहीं पी सकते हैं। अगर किसी शख्स ने जानबूझ कर अगरबत्ती का धुआं सूंघा तो भी रोजा टूट जाएगा। रोज़े की हालत में इत्र लगाया जा सकता है। इत्र लगाने तथा फूल सूंघने से रोजा नहीं टूटेगा।
कुल हिंद इस्लामिक इल्मी अकादमी की अल शरिया हेल्पलाइन पर पूछे गये सवालों पर मुफ्ती इनामुल्लाह कासमी जवाब दिए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि रोजा फर्ज है, अगर कोई जानबूझ कर इसे छोड़ता है तो वह गुनाहगार होगा। सफर करने या बीमार होने पर रोजा रखने में छूट दी गई है, लेकिन बाद में उसके बदले कजा रोजा रखना होगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर मेहर की शक्ल में किसी औरत को ज़ेवर दिया जाता है तो उसकी जकात निकालने की जि़म्मेदारी भी औरत पर ही होगी।
जो बच्चे पहली बार रोजा रखते हैं, उनका हौसला बढ़ाने को रोजा कुशाई (पहली बार रोजा रखने पर आयोजित इफ्तार पार्टी) कर सकते हैं। इस्लाम में रोजा कुशाई जरूरी नहीं है। एक सवाल के जवाब में बताया गया कि बगैर वुजू भी अजान दी जा सकती है लेकिन वुजू करके अजान देना बेहतर है। अकेले अगर तरावीह पढ़ रहे हैं तो आवाज के साथ पढऩा बेहतर है।