आपदा के इस दौर में लोग करने लगे स्वास्थ्य बीमा पर विश्वास, भाने लगे टर्म इंश्योरेंस प्लान
टर्म इंश्योरेंस के मामले में मल्टीनेशनल कंपनियों में जॉब कर रहे युवा और उच्च आय वर्ग के लोगों का रुझान नजर आ रहा है। स्वास्थ्य उत्पादों के प्रति बढ़ता आकर्षण बीमा एजेंटों का एक कथन ही सही साबित कर देता है।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना आपदा के चलते पिछले एक वर्ष में स्वास्थ्य बीमा उत्पादों के प्रति आम जनता में लोगों की रुचि बढ़ी है। जहां स्वास्थ्य बीमा पालिसियों में 25 फीसद तक की बढ़त हुई है वहीं टर्म इंश्योरेंस के मामले में मल्टीनेशनल कंपनियों में जॉब कर रहे युवा और उच्च आय वर्ग के लोगों का रुझान नजर आ रहा है। स्वास्थ्य उत्पादों के प्रति बढ़ता आकर्षण बीमा एजेंटों का एक कथन ही सही साबित कर देता है। उनके मुताबिक पहले जिन लोगों को फोन करके परेशान हो जाते थे, अब वे खुद फोन कर स्वास्थ्य बीमा के बारे में जानकारी कर रहे हैं।
कोरोना को लेकर पिछले एक वर्ष में लोगों ने जिस तरह के हालात देखे हैं, उसने उन्हेंं अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा जागरूक बना दिया है। कानपुर के संबंध में बात करें तो करीब सवा गुना स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियां इस एक वर्ष के दौरान उससे पहले वर्षों की तुलना में बिकीं। हालांकि टर्म इंश्योरेंस की बिक्री कम होती है, लेकिन इधर एक वर्ष में अच्छा वेतन पाने वाले युवाओं में यह संख्या तेजी से बढ़ी है। कुछ बीमा जानकारों के मुताबिक इस वर्ष करीब 25 फीसद वृद्धि हुई और यह संख्या 10 हजार के करीब कानपुर में है। इसमें भी 50 लाख से ऊपर और एक करोड़ के आसपास सबसे ज्यादा लोग बीमा करा रहे हैं।
बोले बीमा जानकार
- लोग अब अपने इलाज पर होने वाले खर्च के प्रति काफी सचेत हो रहे हैं। इसके चलते सभी बीमा कंपनियों ने खूब पालिसी बेची हैं। - नरेंद्र द्विवेदी, बीमा एजेंट।
- युवाओं में अपने और अपने परिवार की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर ङ्क्षचता नजर आई है। वे अपने खर्च में हेल्थ इंश्योरेंस का बजट भी शामिल कर रहे हैं।- अवधेश गुप्ता, विकास अधिकारी, न्यू इंडिया एश्योरेंस।
- जिन्हेंं पहले फोन करना पड़ता था, अब वे खुद ही फोन कर हेल्थ इंश्योरेंस और टर्म लोन के बारे में जानकारी कर रहे हैं। बदलाव इससे ही पता चल जाता है। - राम भाटिया, एलआइसी एजेंट, सीएमडी क्लब मेंबर।
- स्वास्थ्य में एक रेग्यूलेटरी बॉडी बनाई जाए। वह और इरडा मिलकर हेल्थ के लिए काम करें। इससे स्वास्थ्य क्षेत्र में बीमा और भी तेजी से बढ़ सकेगा। - निर्मल त्रिपाठी, पूर्व राष्ट्रीय सचिव, इंडियन इंस्टीट््यूट ऑफ इंश्योरेंस, सर्वेयर एंड लॉ असेसर।